पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहे महोबा के दिव्यांग, ऑर्गेनिक दीये से फैलेगी रोशनी
बुंदेलखंड के दिव्यांगजनों ने दीपावली पर अनोखी पहल शुरू की है. यहां के दिव्यांग गाय के गोबर, मिट्टी और लकड़ी के बुरादे से ऑर्गेनिक दीपक बनाकर प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के सपनों को पूरा करने में जुटे हैं.
राजेंद्र तिवारी\महोबा : पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा करने के उद्देश्य से बुंदेलखंड के दिव्यांगजनों ने दीपावली पर अनोखी पहल शुरू की है. यहां के दिव्यांग गाय के गोबर, मिट्टी और लकड़ी के बुरादे से ऑर्गेनिक दीपक बनाकर प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के सपनों को पूरा करने में जुटे हैं. खास बात यह है कि प्रदूषण मुक्त यह दीये एक बार जलने के बाद करीब दो घंटे तक जलते हैं.
लोगों की पहली पसंद ऑर्गेनिक दीपक
महोबा में ऑर्गेनिक दीये, मिट्टी के गुल्लक और तमाम आकर्षक उपहार बनाने वाले दिव्यांगजनों की यह तस्वीर देख कोई भी हैरान हो सकता है. दरअसल इन युवाओं ने दीपावली पर बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है. इन युवाओं का मानना है कि गाय के गोबर, मिट्टी, लकड़ी के बुरादे के प्रयोग के बाद यह दीये लंबे समय तक अंधेरे में अपना प्रकाश छोड़ेंगे. अलग-अलग डिजाइन में तैयार किए गए ये ऑर्गेनिक दीपक लोगों की पहली पंसद बने हुए है. दिव्यांग युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं.
प्रदूषण को कम करने का संकल्प
बुंदेलखंड सोसाइटी ऑफ रूलर डेवलपमेंट के बैनर तले ये युवा पीएम मोदी के सपनों को पूरा करने में जुटे हुए हैं. दिव्यांगजनों को सशक्तीकरण के माध्यम से आगे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. यही वजह है कि दीपावली पर दिव्यांग युवाओं ने आधुनिक दिये बनाकर प्रदूषण को कम करने का संकल्प लिया है. यह दीपक गाय के गोबर मिट्टी से बनकर तैयार होने के चलते पवित्र होने के साथ-साथ रेडिएशन को भी कम करने में बेहद सहायक है.
जानें क्या होंगे फायदे
इन दीपकों के जलने से प्रदूषण नहीं फैलेगा. साथ ही बारिश के बाद वातारण में जो मच्छर और कीड़े मौजूद उनसे भी काफी हद तक आजादी मिलेगी. मच्छर और कीड़ों के खत्म होने से लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.