Mainpuri by election 2022 : मैनपुरी में आमने-सामने आ सकती हैं मुलायम सिंह की दोनों बहुएं, जानें शिवपाल यादव का क्या है अगला कदम
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में भाजपा से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को उम्मीदवार बनाने की चर्चाएं तेज.
मैनपुरी : मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हो गई है. यहां उपचुनाव की घोषणा भी हो चुकी है. इसी बीच समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सपा से डिंपल के उम्मीदवार बनाए जाने के बाद इस सीट पर भाजपा बड़ा दांव खेल सकती है. भाजपा इसी सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को प्रत्याशी बना सकती है. ऐसे में सपा के गढ़ में मुलायम परिवार की दो बहुएं आमने-सामने आ सकती हैं. वहीं, अभी मैनपुरी सीट को लेकर शिवपाल यादव बड़ा ऐलान कर सकते हैं.
मुलायम की विरासत संभालने की लड़ाई
मैनपुरी हमेशा से सपा का गढ़ रहा है. जानकारों का कहना है कि अगर भाजपा ने अपर्णा यादव को प्रत्याशी बना दिया तो मैनपुरी में मुलायम सिंह की दो बहुओं में उनकी विरासत संभालने का मुकाबला होगा. वहीं भतीजे अखिलेश यादव से दूरी बना चुके शिवपाल यादव भी अहम भूमिका निभा सकते हैं. जानकारों का कहना है कि अगर भाजपा अपर्णा को उम्मीदवार बनाती है तो शिवपाल भी भाजपा के खेमे में आ सकते हैं. क्योंकि शुरुआत में इसी सीट से शिवपाल यादव के बेटे को भाजपा का उम्मीदवार बनाने की चर्चाएं थीं. हालांकि शिवपाल यादव ने स्पष्ट किया है कि वह 2 से 3 दिन में अपना फैसला सुना देंगे.
शिवपाल लड़ना चाहते थे चुनाव
बता दें कि मुलायम सिंह यादव के निधन से पहले प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा था कि अगर मैनपुर लोकसभा चुनाव में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) नहीं उतरते हैं तो वह मैनपुरी से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से वह कुछ नहीं भी स्पष्ट नहीं कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि सपा के उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं, भाजपा का प्रत्याशी मैदान में आने के बाद शिवपाल अपनी चाल चलेंगे. वहीं अखिलेश ने भी पिछले लोकसभा चुनाव में घोषणा की थी कि डिंपल अब चुनाव नहीं लड़ेंगी. बावजूद अगर वह डिंपल को सपा का प्रत्याशी बनाया है तो जाहिर है कि वह घर की अंदरूनी लड़ाई को भी साधने की कोशिश में हैं.
क्यूं इतना खास है मैनपुरी
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र की बता करें तो यहां सबसे ज्यादा यादव और साख के मतदाता ही हैं. संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक लगभग 4.25 लाख यादव मतदाता हैं. उसके बाद शाक्य मतदाताओं की संख्या 3.25 लाख है. क्षत्रिय 2.25 लाख और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 1 लाख 10 हजार है. दलित वोटों में सबसे अधिक 1 लाख 20 हजार जाटव मतदाता हैं. क्षेत्र में लगभग 1 लाख लोधी, 70 हजार वैश्य और 55 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. सपा हमेशा से शाक्य मतदाताओं को साधते हुए आई है हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से शाक्य उम्मीदवार मैदान में उतार कर सपा का समीकरण बिगाड़ दिया था. बता दें कि 5 दिसंबर को मैनपुरी उपचुनाव होने वाले हैं.