लखनऊ। विशाल सिंह: यूपी के राजनीतिक गलियारों में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले यूपी के कुछ सांसद केंद्र में मंत्री  बनाए जा सकते हैं. कुछ मौजूदा मंत्रियों को तमाम मानकों के तहत बाहर भी किया जा सकता है. बेहतर परफॉर्मेंस न करने वाले कई मंत्री बाहर हो सकते हैं. जबकि यूपी के कई सांसद मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. 


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ब्राह्मण, ओबीसी और दलित कोटे से एक-एक मंत्री संभव है. सुब्रत पाठक,रेखा वर्मा और अरुण सागर का नाम भी चर्चा में है. जयप्रकाश रावत और विनोद सोनकर भी मंत्री बन सकते हैं. संभावित नामों में हरीश द्विवेदी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सुरेंद्र नागर या बृजलाल भी हो सकते हैं. वीरेंद्र सिंह मस्त भी लिस्ट में शामिल हैं.


संगठन में भी बड़े बदलाव की तैयारी
आने वाले कुछ समय के अंदर यूपी भाजपा में कई बड़े बदलाव हो सकते हैं. भाजपा के लगभग 50 जिला अध्यक्ष बदल सकते हैं. यह बदलाव जुलाई में होना तय बताया जा रहा है. जिला अध्यक्षों के बदलाव की सूची में सबसे पहले उन लोगों का नाम शामिल किया जाएगा, जो काफी लंबे समय से पद पर जमे हुए हैं. इसके बाद जिनकी शिकायतें बहुत ज्यादा हैं.


तीन श्रेणियां बनाई गईं
वहीं, तीसरी कैटेगरी में जिला अध्यक्ष से एमएलसी बने नेताओं का नाम शामिल है. इसमें जिलाध्यक्ष से एमएलसी बने अलीगढ़ के ऋषि पाल सिंह, लखनऊ के मुकेश शर्मा, कानपुर देहात के अविनाश चौहान, वाराणसी के हंसराज विश्वकर्मा का नाम शामिल हैं. इन सब पर गाज गिर सकती है.


भूपेंद्र चौधरी जल्द करेंगे ऐलान
इस बीच दिल्ली से बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी लखनऊ रवाना हो गए हैं. माना जा रहा है कि  लखनऊ पहुंचने के बाद संगठन में बड़े बदलाव की शुरुआत की जा सकती है. जुलाई में 50 के करीब जिला अध्यक्षों में फ़ेरबदल किया जाएगा.


खराब प्रदर्शन पर गिरेगी गाज
खबरों के मुताबिक, क्षेत्रीय समिति में भी खाली पदों पर होगी तैनाती, स्थानीय-जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा. यूपी नगर निकाय चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन वालों जिलों से भी जिला अध्यक्ष हटेंगे.लोकसभा चुनाव से को लेकर टीम की जाएगी मजबूत और सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रहेगा.


 


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