मथुरा : बांके बिहारी मंदिर के सामने कॉरिडोर के निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. योजना के विरोध में गणतंत्र दिवस पर बांके बिहारी बाजार बंद रहा. बांके बिहारी व्यापार संघ के अध्यक्ष अमित गौतम ने शुक्रवार को दावा किया, ‘‘विरोध प्रदर्शन के 16वें दिन गुरुवार को बांके बिहारी बाजार में दुकानें बंद रहने से श्रद्धालुओं को चाय नाश्ता तक के लिए दूसरे इलाके में जाना पड़ा.’’ इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट पुलकित खरे द्वारा गलियारा निर्माण के लिए आम सहमति बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और उन्होंने हाल के हफ्तों में विभिन्न समूहों से बातचीत की है. अधिकारियों ने कहा कि लोगों के हितों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर के पुजारी शशांक गोस्वामी ने दावा किया कि यदि गलियारा निर्माण का विचार नहीं छोड़ा जाता है तो स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार करने के निर्णय पर सभी एकमत हैं. 


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क्यों हो रहा विरोध
यहां के स्थानीय संत नगरीदास बाबा के मुताबिक, गलियारा निर्माण से देवता क्रोधित होंगे, इसलिए मंदिर के आसपास के क्षेत्र से छेड़छाड़ करने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. वृंदावन के निवासी पवन शास्त्री ने कहा कि बांके बिहारी से सटी कुंज गली का धार्मिक एवं पौराणिक इतिहास है और इन्हें समाप्त करने से राधा रानी नाराज होंगी. हालांकि, छटूह संप्रदाय के पीठाधीश्वर फुलडोल महाराज के नेतृत्व में संतों के एक वर्ग ने गलियारा निर्माण की पहल के लिए योगी सरकार की सराहना की है. संतों द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि गलियारा का निर्माण किया जाना चाहिए और पुजारियों एवं व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. 


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कॉरिडोर में क्या होगा खास
वाराणसी के काशी विश्नवनाथ कॉरिडोर की तरह ही मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाने की योजना है. पांच एकड़ में प्रस्तावित कॉरिडोर से जुड़ा सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस कॉरिडोर को यमुना नदी और मंदिर से भी जोड़ा जाएगा. कॉरिडोर से मंदिर में प्रवेश के तीन मार्ग होंगे. पहला रास्ता जुगल घाट से होकर जाएगा. दूसरा रास्ता विद्यापीठ और तीसरा जादौन पार्किंग से होकर जाएगा.यह कॉरिडोर दो मंजिला होगा. कॉरिडोर में परिक्रमा पथ भी बनाया जाएगा. इसका ऊपरी हिस्सा 11 हजार 600 वर्ग मीटर का होगा, वहीं निचला हिस्सा 11 हजार 300 वर्ग मीटर का प्रस्तावित है. कॉरिडोर के के मार्ग पर आने वाले 321 भवन और संपत्तियों का अधिग्रहण किया जाएगा. इसके लिए 200 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटे जाने का प्रस्ताव है.


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