मथुराः उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा-वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर  के बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशन पर पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह और अलीगढ़ मंडल आयुक्त गौरव दयाल की टीम बनाई गई है. बता दें कि यह टीम घटनास्थल का निरीक्षण कर 15 दिन के अंदर मुख्यमंत्री को घटना के कारणों की रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं, इस घटना के पीछे कौन दोषी है इसकी भी जानकारी सीएम योगी को इसी टीम के माध्यम से सौंपी जाएगी.


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वृंदावन पहुंचे डीएम एसएसपी ने लिया जायजा
आपको बता दें कि पूर्व डीजीपी और मंडलायुक्त के दौरे से पहले मथुरा डीएम और एसएसपी वृंदावन बांके बिहारी मंदिर पहुंचे. उन्होंने वृंदावन बांके बिहारी मंदिर पहुंचने वाले सभी रास्तों का निरीक्षण किया और आने और जाने वाले मार्गों, वृंदावन बांके बिहारी के अंदर बने परिसर का जायजा लेते हुए नई रूपरेखा तैयार करने पर विचार-विमर्श किया. इस मामले में डीएम मथुरा नवनीत सिंह चहल ने बताया कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए व्यवस्था की जा रही है. साथ ही पूरे मामले की जांच पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह और अलीगढ़ मंडल आयुक्त गौरव दयाल करेंगे.


सोशल मीडिया पर घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं
बता दें कि वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में मची भगदड़ से मामले से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये चर्चाएं गर्माई हुई हैं कि डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त जैसे अधिकारियों की मौजूदगी में इतनी बड़ी घटना हुई और इस पर तुरंत कोई एक्शन नहीं लिया गया.


लोगों द्वारा कहा यह भी जा रहा है कि जान बचाने की जद्दोजहद कर रहे श्रद्धालुओं की चिंता ना तो ऊपर खड़े अधिकारियों में दिखाई दी और ना ही नीचे ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों ने देखा. अब देखना यह होगा कि सीएम योगी के निर्देशन में गठित पूर्व डीजीपी और अलीगढ़ मंडल आयुक्त की जांच रिपोर्ट में कौन दोषी पाया जाता है और ऐसी घटनाओं पर आगे के लिए किस तरीके से जिला प्रशासन अंकुश लगाता है. 


जन्माष्टमी पर मंगला आरती के दौरान मची थी भगदड़
बता दें कि  जनमाष्टमी पर श्रद्धालुओं की भारी तादात मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रही थी. सुबह की मंगला आरती के दौरान भी मंदिर में भारी भीड़ थी. तभी अचानक मंदिर में भगदड़ मच गई, जिससे हादसा हो गया. मंदिर में मची भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए. मरने वालों में एक महिला और एक पुरुष है.


भीड़ इतनी ज्यादा थी कि 50 से ज्यादा लोग बेहोश होकर गिर पड़े. वैसे तो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हमेशा देश-विदेश के श्रद्धालुओं का जमघट लगता है, लेकिन जन्माष्टमी पर भीड़ बढ़ जाती है. वैसे तो मथुरा के 84 कोस में बसे सभी मंदिरों में भीड़ होती है, लेकिन बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर दिन भर मंदिर में श्रद्दालुओं की भीड़  होती है. 


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मंगला आरती साल में सिर्फ एक बार होती है
मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया, "ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की परंपरा नहीं है. यहां ठाकुर जी बाल स्वरूप में हैं और रात को निधिवन में रास रचाने जाते हैं. इसलिए सुबह उन्हें उठाया नहीं जाता. ठाकुरजी की मंगला आरती साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी के दिन होती है. इस दिन कान्हा जी ठाकुर बनकर रात में भक्तों को दर्शन देते हैं. हादसे के वक्त भी 1:55 बजे मंगला आरती हो रही थी. इसके बाद कुछ समय के लिए पट बंद किए गए थे. इस बीच क्षमता से ज्यादा भक्त मंदिर परिसर में इकट्‌ठा हो गए."


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