मायावती, कांशीराम और अंबेडकर की मूर्तियां कहां गईं?, बसपा कार्यालय में लगी प्रतिमाएं गायब होने पर बढ़ी सियासी सरगर्मी
UP Politics : बसपा शासनकाल में मायावती ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में कांशीराम, भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाकर दलित समाज को मैसेज देने का काम किया था. मायावती ऐसा कर दलितों की हितैषी बनना चाह रही थी. कहीं न कहीं बसपा की यह कोशिश उस समय कारगर भी रही थी.
UP Politics : बसपा शासन काल में राजधानी लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में मायावती, कांशीराम और भीमराव अंबेडकर की मूर्तियां लगाई गई थीं. खबरें हैं कि बसपा कार्यालय में लगी ये मूर्तियां अपनी जगह पर नहीं हैं. मूर्तियां कहां गई इसको लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं सामने आई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि ये मूर्तियां मायावती के आवास पर शिफ्ट कर दिया गया है.
दलितों को साधने की थी कोशिश
दरअसल, बसपा शासनकाल में मायावती ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में कांशीराम, भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाकर दलित समाज को मैसेज देने का काम किया था. मायावती ऐसा कर दलितों की हितैषी बनना चाह रही थी. कहीं न कहीं बसपा की यह कोशिश उस समय कारगर भी रही थी. वहीं, अब लोकसभा चुनाव को देखकर बसपा तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है.
आज पार्टी मुख्यालय में बुलाई गई थी बैठक
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बुधवार को बसपा मुख्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया. ऐसे में बैठक से ठीक पहले इन मूर्तियों का पार्टी मुख्यालय से हटना कई सवाल खड़े कर रहे हैं. राजनीति से जुड़े लोग इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि बसपा कार्यालय से इन मूर्तियों का हटना पार्टी का कोई एजेंडा हो सकता है. हालांकि, ये मूर्तियां क्यों हटाई गईं, इसे लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है.
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