पारस गोयल/मेरठ : Merrut Hospitals - पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है. मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar Hospitals ) के बाद बुधवार को मेरठ (Merrut) जिले में स्वास्थ्य विभाग की सख्ती सामने आई. जिले में 16 अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त करने के साथ इलाज करने पर रोक लगाव दी गई. जबकि 22 अन्य अस्पतालों (Clinics Pathology Lab) को नोटिस जारी किया गया है. नियमों की अनदेखी के चलते 16 अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त किया गया है.अस्पताल के रजिस्ट्रेशन में जो डॉक्टर कार्यरत दिखाई गए थे, वो जांच में वहां कार्यरत नहीं मिले. ओवर रेटिंग और अन्य शिकायतों को लेकर भी सीएमओ (CMO) का ये बड़ा एक्शन सामने आया है. सीएमओ का कहना है कि ये 16 अस्पताल आगे इलाज करते मिले तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.


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मेरठ में जिन 16 अस्पतालों पर कार्रवाई हुई है, इनमें श्री भूषण अस्पताल, एमएस ग्लोबल अस्पताल ,एचपी हेल्थ केयर सेंटर ,इंडियन हॉस्पिटल ,डायना और महावीर हॉस्पिटल, हंस हॉस्पिटल ,आसाराम अस्पताल ,राजीव अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर, एमपीएस हॉस्पिटल, प्रेम मेमोरियल अस्पताल ,कमल निरोगधाम अस्पताल, माय सिटी अस्पताल ,जेबीएमआर अस्पताल ,मेरठ चेस्ट एवं केजीएम अस्पताल, शुभकामना अस्पताल शामिल हैं. इससे पहले मुजफ्फरनगर में बिना पंजीकरण चलाए जा रहे अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई हुई थी. स्वास्थ्य विभाग ने मुजफ्फरनगर में 41 हास्पिटल्स को सील किया था. जिले में से ज्यादातर अस्पतालों में 


बिना ट्रेनिंग और उचित मेडिकल कोर्स के स्टाफ काम करते मिला. डॉक्टर भी नदारद थे. इसके बाद इन हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है.मुख्य चिकित्सा अधिकारी महावीर सिंह की अगुवाई में ये कार्रवाई की गई थी.सीएमओ का कहना है कि डॉक्टरों की गैरहाजिरी के अलावा इन अस्पतालों में स्वास्थ्य से जुड़े तमाम मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.कई अस्पतालों को नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया है. बुढ़ाना, बघरा, शाहपुर, जानसठ, सदर ब्लॉक के 40 अस्पतालों पर ये गाज गिरी है. इनमें से कई जच्चा बच्चा केंद्र, पैथोलॉजी लैब भी शामिल हैं, जिन्हें नोटिस थमाया गया.