मेरठ: मां-बेटी का रिश्ता दुनिया में सबसे निराला होता है. मां आपनी बेटी को हर दुख दर्द से बचाती है और उसके लिए अपना जीवन तक दाव पर लगा देती है. इसकी एक मिसाल उत्तर प्रदेस के मेरठ जिले में देखने को मिली. यहां एक मां ने अपनी बेटी को दूसरा जन्म दिया. 55 वर्षीय महिला सबीला ने अपनी किडनी दान कर 28 साल की बेटी नाजिश की जान बचाई. बेटी लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थी. वह बीमारी के अंतिम चरण में थी. डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत बताई थी.


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20 जून को हुआ ट्रांसप्लांट
जानकारी के मुताबिक बेटी का इलाज जिले के यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में चल रहा था. अस्पताल के डॉक्टरों ने बीते 20 जून को किडनी का प्रत्यारोपण किया. स्पेशलिस्ट और अनुभवी डॉक्टरों द्वारा किया गया यह ट्रांसप्लांट सफल रहा. डॉक्टर प्रजीत मजूमदार, डा. वैभव सक्सेना, डा. निरेन राव और डा. कुलदीप अग्रवाल ने इस प्रत्यारोपण में सहयोग किया. बताया जा रहा है यह ऑपरेशन असाध्य रोग योजना के तहत नि:शुल्क किया गया.


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हॉस्पिटल प्रवक्ता ने दी जानकारी


यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की प्रवक्ता डा. उपासना अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ट्रांसप्लांट के बाद प्राप्तकर्ता और दाता दोनों की तबीयत स्थिर है. फिलहाल दोनों मां-बेटी को कोई समस्या नहीं है. दोनों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है. दोनों पर दो सप्ताह तक नजर रखी जाएगी और उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रवक्ता ने आगे बताया कि जिले में यह पहला किडनी ट्रांसप्लांट था. हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. हमारे विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम के चलते ही यह ऑपरेशन संभव हो सका है.


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