मेरठ: कबाड़ के जुगाड़ से तैयार हुआ आलीशान रैन बसेरा, टायर से बनीं कुर्सियां
मेरठ में कुल 12 रैन बसेरे हैं.नगर निगम टाउनहाल परिसर, जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज परिसर, बच्चा पार्क, नौचंदी मैदान, सूरजकुंड महापौर कार्यालय के समीप, सूरजकुंड अस्पताल के समीप, परतापुर, कासमपुर, मुल्तान नगर, भोला रोड, पल्लवपुरम आदि स्थानों पर रैन बसेरे हैं.
पारस गोयल/मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कबाड़ से जुगाड़ कर रैन बसेरे की सूरत बदल दी गई. रैन बसेरे में स्क्रैप सामान से खूबसूरत कुर्सियां और टेबल बनाकर रखी गई हैं जिसे देखकर आपको लगेगा कि ये कोई आलीशान होटल है. खराब पड़े टायर, रिंग इत्यादि से कुर्सियां बनाई गई है. इसको देखने वाले समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वो कहां आए हैं. कई लोग तो इतनी साफ सफाई देखकर वापस लौटने लगे. तो उन्हें बताना पड़ा कि साहब ये आप ही के लिए है. मेरठ के बच्चा पार्क स्थित आदर्श रैन बसेरे के साथ लोग सेल्फी लेते हुए भी नजर आए.
नगर आयुक्त ने व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण
नगर आयुक्त ने आज इस रैन बसेरे का निरीक्षण किया. उन्होंने यहां आने वाले लोगों के साथ बात कर व्यवस्थाओं को परखा. मेरठ नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा का कहना है कि कबाड़ से जुगाड़ कर आदर्श रैन बसेरा तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि बेहतर व्यवस्था के लिए रैन बसेरे में कई व्यवस्थाएं कराई गईं हैं. रैन बसेरे में वॉल पेंटिंग भी कराई गई है. स्क्रैप के टायर स्क्रैप मेटल का उपयोग कर रैन बसेरे को संवारा गया है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यहां पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी रहेगी. रैन बसेरे में रजाई गद्दे नए आए हैं, जिससे यहां आ रहे गरिबों की रातें कुछ हद तक सुकुन वाली रहें.
मेरठ के इन जगहों पर बनाए गए रैन बसेरा
नगर आयुक्त ने कहा कि ठंड के मौसम में निराश्रितों को रैन बसेरों में आश्रय देने के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. शासन इसके लिए हमेशा से गाइड लाइन तय करता आया है.मेरठ में कुल 12 रैन बसेरे हैं.नगर निगम टाउनहाल परिसर, जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज परिसर, बच्चा पार्क, नौचंदी मैदान, सूरजकुंड महापौर कार्यालय के समीप, सूरजकुंड अस्पताल के समीप, परतापुर, कासमपुर, मुल्तान नगर, भोला रोड, पल्लवपुरम आदि स्थानों पर रैन बसेरे हैं.
महिलाओं और पुरुषों के लिए होंगे अलग शौचालय
इनमें महिलाओं एवं पुरुषों के अलग रहने का स्थान तय किया जा रहा है.रैन बसेरे में के पानी की व्यवस्था की जा रही है. प्रकाश और साफ-सफाई रखी जाएगी. केयर-टेकर 24 घंटे तैनात रहेंगे. महिलाओं व पुरुषों के अलग-अलग शौचालय निर्धारित किए जाएंगे. रैन बसेरों में सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे. रैन बसेरा पर उपस्थिति पंजिका व निरीक्षक पंजिका मौजूद रहेगी. प्रत्येक रैन बसेरे की लोकेशन की जियो टैगिंग की जा रही है. आपदा प्रहरी एप पर रैन बसेरों के फोटोग्राफ अपलोड किए जा रहे हैं. ये सारी कवायद अगर जल्द से जल्द हो जाएगी तो गरीबों की सर्द रातें सुकुन से गुजरेंगी. इन सभी कार्यों के लिए युद्धस्तर पर जुटने की जरुरत है क्योंकि चंद दिनों में ही ठण्ड अपने चरम पर पहुंचने वाली है.