Mirror Vastu Tips: जिंदगी में हमारा एक सपना होता है कि हम अपना एक प्यारा सा आशियाना बनाएं. हम कड़ी मेहनत और लगन के दम पर अपने सपनों का घर भी बनाते हैं. जिसमें हम बाकायदा वास्तु शास्त्र का ध्यान रखते हैं. वहीं, कई बार ऐसा देखा गया है कि साज सजावट के चक्कर में हम वास्तु के नियमों को भुला देते हैं. ऐसे में घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है. आज हम आपको बताएंगे घर में शीशा सही जगह पर लगाना कितना महत्वपूर्ण है और  इसे लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.


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आपको बता दें कि घर में गलत जगह पर लगा शीशा आपको नुकसान पहुंचा सकता है. वास्तु शास्त्र और फेंगशुई के अनुसार, घर में लगा दर्पण विभिन्न तरीकों से ऊर्जा का स्थानांतरण करता है. वहीं, ऊर्जा सकरात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में हो सकती है. बावजूद इसके हम अपने सुविधानुसार शीशा लगा लेते हैं. आइए जानते हैं घर के वो 5 स्थान, जहां कतई शीशा नहीं लगाना चाहिए.


अपने बेड के चारों तरफ दर्पण लगाने से पहले पढ़ें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेड के चारों तरफ शीशा नहीं लगाना चाहिए. शीशा चीजों का प्रतिबिंब बनाता है. ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में 'वो' यानी किसी तीसरे के आने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, यह तीसरा पक्ष एक व्यक्ति, काम या फिर कोई नकारात्मक ऊर्जा भी हो सकती है. इसलिए फेंगशुई के मुताबिक, बेड के आसपास शीशा ना लगाएं.


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घर के पश्चिम दिशा में शीशा न लगाएं
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हमें अपने घर में कभी भी पश्चिम दिशा की तरफ शीशा नहीं लगना चाहिए. हालांकि, अगर आप यह टिप्स नहीं मानते हैं तो आप  समस्याओं से घिर सकते हैं.


दीवारों के बीच शीशा बेहद अशुभ
दरअसल, फेंगशुई के मुताबिक दो दीवारों के बीच शीशा लगाना अशुभ माना जाता है. ऐसे शीशा गलत दीवार पर लगने से खलल डाल सकता है. इसलिए आमतौर पर दो जुड़ी हुई दीवारें पर या ऐसा प्रतीत हो रहा हो, तो ऐसी जगह पर कभी भी दर्पण नहीं लगाना चाहिए. 


घर में आमने-सामने ना लगाएं शीशा 
आपको बता दें कि हमारे घर में लगा शीशा हर वस्तुओं को प्रतिबिंबित करता हैं. ऐसे शीशे में हर चीज दोगुना नजर आती है. इस बात का ध्यान रखें कि जिस जगह शीशा लगाएं हैं, वहां यह जरूर देख लेंगे आपका शीशा क्या प्रतिबिंबित कर रहा है. कमरे में आमने-सामने शीशा कभी ना लगाएं. इससे आपकी जिंदगी में उलझने पैदा होती है.


भूल कर भी इस दिशा में न लगाएं दर्पण
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, दक्षिण पूर्व दिशा में शीशा नहीं लगाना चाहिए. वास्तु शास्त्र में इसे अग्नि दिशा माना जाता है. इसलिए आप इस दिशा में अगर शीशा लगाते हैं, तो आपके परिवार में छोटी-छोटी बात पर कलह, झगड़े और मनमुटाव होने की संभावना बढ़ती है. इसलिए ऐसा बिल्कुल ना करें.


दरवाजे की तरफ देखता हुआ न लगाएं शीशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हमारे कमरे और खिड़की दरवाजों की दिशा काफी अहम होती है. वहीं, अगर दर्पण की बात करें तो, कमरें में दरवाजे के अंदर की तरफ दर्पण नहीं लगाना चाहिए. अगर कमरे का दरवाजा ईशान दिशा की ओर है, तो आप दर्पण लगा सकते हैं.


खिड़की या दरवाजे की ओर देखते हुए शीशे न लगाएं
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अगर आप शीशे को कमरे की खिड़की या दरवाजे की ओर देखते हुए लगाएंगे तो इसके कई दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं. वहीं, शीशे को दीवारों पर न ज्यादा ऊपर और न ज्यादा नीचे लगाना चाहिए. अगर ऐसा किया जाता है तो घर का मालिक स्वयं और परिवार के अन्य सदस्य भी अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहते हैं.


डिस्क्लेमर - जी मीडिया इस दावे की पुष्टि नहीं करता. यह आर्टिकल सामान्य सूचनाओं पर आधारित है.


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