Monkey terror: लो आ गया बाजार में बंदरों के आतंक से निपटने का नया तरीका, फट से अपनाएं
मुजफ्फरनगर के शाहपुर कस्बे में शुक्रवार को बंदरों के हमले से एक महिला की हो गई थी मौत. गांधीनगर कॉलोनी के लोगों ने ईजाद किया नया तरीका.
मुजफ्फरनगर : ठंड बढ़ते ही लोग धूप लेने के लिए जगह तलाशने लगते हैं. कुछ लोग घर के बाहर तो कुछ घर की छतों की ओर रुख करने लगते हैं. लेकिन मुजफ्फरनगर में बंदरों का आतंक इस कदर है कि महिलाएं और बच्चों का छत पर चढ़ना दूभर हो गया है. यहां बीते दिन शुक्रवार को छत पर धूप लेने गई एक महिला को बंदरों ने दौड़ा लिया तो छत से गिरकर उसकी मौत हो गई. वहीं, अब जनपद के एक कॉलोनीवासियों ने बंदरों को भगाने का नया तरीका ईजाद किया है. कॉलोनी के लोगों ने बंदरों को लाठी डंडों से नहीं बल्कि कटआउट लगाकर भगाएंगे. यह तरीका अगर सफल होता है तो फिर तमाम जनपद में इस तरह के कटआउट बांटने की योजना है.
आए दिन हो रहे हादसे
दरअसल, जनपद में इन दिनों बंदरों के आतंक का आलम यह है कि महिलाएं, बूंढ़े और बच्चों ने छत पर चढ़ना बंद कर दिया है. आए दिन किसी न किसी क्षेत्र से बंदरों द्वारा महिलों और बच्चों को घायल करने की खबर आती रहती है. शुक्रवार दोपहर को भी शाहपुर कस्बे की गोकुलपुर कॉलोनी में ममता नामक की महिला बंदरों के हमले का शिकार हो गई.
गांधी कॉलोनी के लोगों ने ईजाद किया तरीका
वहीं, अब इन बंदरों के आतंक से तंग आकर गांधी कॉलोनी हाउसिंग सोसायटी द्वारा छत पर कटआउट लगवा दिए गए हैं. इससे बंदर डरकर भाग जाएं. लंगूर के कटआउट लगाने का फार्मूला अगर सफल होता है तो फिर ये कॉलोनीवासी भी जनपद में इस तरह के कटआउट अपनी तरफ से लगवाएंगे.
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झुंड में चलते हैं
बंदरों के आतंक से तंग आए कॉलोनी के लोगों का कहना है कि हमारे यहां बंदरों का बहुत आतंक है. कपड़े फाड़ने के साथ छतों पर जमकर उत्पात मचाते हैं. खास बात यह है कि जब यह चलते हैं तो गुटों में निकलते हैं. इस समय इनकी संख्या 20-25 की होती है. सोसायटी द्वारा ये कटआउट लगवाए गए हैं लोगों का कहना है कि ये अच्छी पहल हो सकती है.