Moradabad: अरशद मदनी के बयान पर घमासान, सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता को मिली जान से मारने की धमकी
UP News: अरशद मदनी के बयान के कटाक्ष करने पर सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता को ये साल आखिरी साल कहकर जान से मारने की धमकी मिली है.
मुरादाबाद: अरशद मदनी के बयान पर घमासान मचा हुआ है. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी को जान से मारने की धमकी मिली है. अरशद मदनी के बयान पर कटाक्ष करने पर उन्हें फोन पर धमकी दी गई है. धमकी देने वाले ने वारसी के बयान पर एतराज जताया है. उसने कहा कि ये साल सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता दोनों के लिए आखिरी साल होगा. आइए बताते हैं पूरा मामला.
इस मामले में कशिश वारसी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विगत 3-4 दिन से जी मीडिया सहित कई न्यूज चैनलों पर मौलाना अरशद मदनी के बयान पर मेरा एक रिएक्शन वाला बयान चला है, जिसमें अरशद मदनी ने कहा था कि इस्लाम हिंदुस्तान का मजहब है. इसका मामले में उनका कहना था कि इस्लाम हिंदुस्तान में गरीब नवाज लेकर आए हैं. क़ासिम बिन मलिक लेकर आए. इस्लाम अरब का मजहब है, जो अरब से पूरी दुनिया मे फैला है. उनके इस बयान को लेकर कल रात सूफ़ी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष को फोन आया. फोन पर नाराजगी जताते हुए अपशब्द कहा गया और जान से मारने की धमकी दी.
इस मामले में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मामले में जांच की मांग की है. उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत और एफआईआर मुंबई में करा दी गई है. यूपी सरकार को मेल कर दिया गया है. वहीं, कॉल पर धमकी के संबंध में उन्होंने बताया कि मुझे और चेयर मैन को संयुक्त धमकी दी गई है. पहले कॉल पर अपशब्द कहते हुए कहा गया कि ये हमारे लिए आखिरी साल है.
आपको बता दें अभी हमने पीएफआई (PFI) की मुखालख़त की, तो हमें ट्विटर हैंडल पर भी बहुत धमकिया मिलीं थीं. इसके बाद अभी दावत-ए-इस्लामी की तरफ से भी धमकियां आई. उन्होंने कहा कि मुझे हैरत है कि मोहब्बत का पैगाम देने वाले व्यक्ति के समर्थक कट्टरपंथीयों के पेटर्न पर चलकर क्या मैसेज दे रहे हैं. हम क्या समझें, क्या ये लोग एक हैं या अलग-अलग हैं.