मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में छेड़खानी से तंग आकर लड़की ने आत्महत्या कर ली. मामला कुंदरकी थाना क्षेत्र का है. यहां एक युवती ने दबंगों की छेड़छाड़ से तंग आकर जहर खा लिया. वहीं, इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक युवती ने जहर खाने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है. इसमे उसने कुछ युवकों के नाम लिखते हुए अपने साथ हुई छेड़खानी की पूरी बात बताई है. सुसाइड नोट में पुलिस पर भी कार्रवाई न करने का गंभीर आरोप भी लगाया है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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युवती ने सुसाइड नोट में लिखा
आपको बता दें कि युवती ने सुसाइड नोट में लिखा है कि ये लोग अमीर लोग हैं, जिसकी वजह से अब उनका सामना करने की मेरी हिम्मत नहीं है. इसके बाद देर रात युवती ने जहर खा लिया. इसके बाद आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां हालत गंभीर होने पर उसको निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था, लेकिन इलाज के दौरान युवती ने दम तोड़ दिया.


मुरादाबाद एसएसपी ने दी जानकारी
इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, दूसरे युवक को हिरासत मे लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा के मुताबिक इन लोगों में पहले से जमीनी विवाद चल रहा था. इस वजह से होली में भी कुछ कहासूनी हुई थी, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को 151 मे कार्रवाई कर एक लाख रुपये से पाबंद किया गया था.


उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने थाना कुंदरकी में आईपीसी की धारा 354 ए,बी,सी,डी और 504, 506, 9/10 पोस्को एक्ट मे मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले में आगे की कार्रवाई के लिए एसपी ग्रामीण को जांच सौंपकर टीम गठित कर दी गई है. एसएसपी हेमराज मीणा ने पुरे मामले मे कुंदरकी थाना क्षेत्र के हल्का चौकी इंचार्ज सचिन मलिक को प्रथम दृश्यया जांच में दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.


एसएसपी का कहना है की मामला जमीन से जुडा था जिसमे आरोपी और उसके परिवार की महिलाएं पीड़िता और उसके परिवार पर छींटाकशी करते थे. वहीं, लड़की का ये कहना था की दबंग छत पर चढ़कर फोटो लिया करते थे. वहीं, रास्ते में आते-जाते छेड़खानी करते थे. इसी संबंध में हल्का चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की गई है. क्योंकि उन्होंने लड़की का बयान नहीं लिया.


युवती ने सुसाइड नोट में लिखा...


मेरी मौत के जिम्मेदार हरज्ञान, इमपत, कमल सिंह हैं. मैंने सबके सामने हाथ-पैर जोड़ लिए, लेकिन हम गरीब लोगों की किसी ने भी नहीं सुनी. ये लोग पैसे देकर मना कर देते हैं. हमने प्रार्थना पत्र भी दिया, लेकिन इनका कुछ भी नहीं हुआ. ये इस पर हसते हैं, इसलिए मजबूर होकर मुझे ये कदम उठाना पढ़ रहा है. मैं चाहती हूं मेरे जीते जी इन्हें सजा नहीं मिली, लेकिन मेरे मरने के बाद मिलनी चाहिए.