लाचार मां ने बेटे के इलाज के लिए किया कुछ ऐसा, जान लेंगे तो आंखों में आ जाएंगे अश्क
अस्पताल में तैनात कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने इस पूरी रकम को हजम करने के लिए ग्लूकोस की बोतल में लाल रंग डाल दिया.
राजेंद्र तिवारी/ महोबा: उत्तर के महोबा जिले से इंसानित को शर्मशार कर देने वाला मालमा सामने आया है. यहां पर सरकारी अस्पताल कर्मचारियों ने बेटे के इलाज के लिए बेवस मां को जेवर बेचने को मजबूर कर दिया. बीमार बेटे के इलाज के एवज में बुजुर्ग विधवा मां को अस्पताल के कर्मचारियों को पांच हजार रुपये की रिश्वत देनी पड़ी. यही नहीं कर्मचारियों ने बीमार बेटे को ब्लड की बोतल के एवज में ग्लूकोस की लाल रंग की बोतल चढ़ा दी. फिलहाल हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने मरीज को झांसी मेडिकल के लिए रेफर कर दिया है.
पैसे लेने के बाद खून के बदले चढ़ा दी लाल रंग
मामला महोबा सदर तहसील के भंडरा गांव का है, जहां की रहने वाली 65 बर्षीय विधवा रामकुमारी अपने बेटे जुगल के साथ किराए के मकान में रहती हैं. सरकारी सुविधाओं के नाम पर आज तक इस बुजुर्ग महिला को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल सकी है. पहली बार बेटे की तबियत खराब होने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों ने 5 हजार रुपये ब्लड की बोतल के नाम पर लेने की बात रख दी, जिसे पूरा करने के लिए लाचार मां ने अपने कानों की सोने की बाली और अंगूठी को बेचकर कर्मचारियों को 5000 रुपये दी.
इसके बाद भी अस्पताल में तैनात कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने इस पूरी रकम को हजम करने के लिए ग्लूकोस की बोतल में लाल रंग डाल दिया. बीमार बेटे की हालत बिगड़ते देख मां ने विरोध किया तो अस्पताल प्रशासन ने युवक को जिला अस्पताल से रेफर कर दिया. हैरान और परेशान मां गांव में बेटे की राह देख रही.
महोबा जिला अस्पताल में तैनात चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी राजकुमारी पर महिला ने ब्लड के नाम पर ₹5000 रिश्वत देने का आरोप लगाया है जिसके आधार सीएमएस डॉ आरपी मिश्रा ने टीम गठित कर मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
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