Motivational Thoughts: सफलता को प्राप्त करने के लिए संघर्ष, मेहनत और ज्ञान की आवश्यकता होती है. मेहनत और संघर्ष को व्यक्ति के गुण होते हैं. लेकिन ज्ञान आपको किसी ज्ञानी से ही अर्जित हो सकता है. भले ही रामायण का एक चरित्र आपको खलनायक लग सकता है, लेकिन उनके ज्ञान का कोई सानी नहीं था. जीहां, हम बात कर रहे हैं,मां सीता का हरण करने वाले रावण की.  वो लंका के राजा थे, उनमें कुछ अवगुण थे तो गुणों का भंडार भी थे. धर्म शास्त्रों में रावण को बहुत बड़ा विद्वान कहा जाता है. 


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रावण के उपदेश सफलता की कुंजी
धर्म शास्त्रों में रावण को प्रकांड विद्वान पंडित, प्रखर ज्ञाता, शिव भक्त, पराक्रमी योद्धा और महाज्ञानी कहा गया है. उनसे जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है. महाभारत में जैसे कृष्ण ने गीता के उपदेश दिए थे, उसी तरह लंकापति रावण ने भगवान राम के हाथों अपनी मृत्यु से पहले लक्ष्मण को कुछ उपदेश दिए थे, जिसे आज सफलता की कुंजी माना जाता है. आइए जानते हैं कुछ प3मुख उपदेशों के बारे में


रावण के अनमोल उपदेश 


1-दोस्त और दुश्मन को पहचानें
हर व्यक्ति को दोस्त और शत्रु के बीच फर्क करना आना चाहिए. जिसे आप अपना हितैषी समझकर सब राज बता देते हैं, वही आपका दुश्मन होता है और आपकी असफलता का सबसे बड़ा कारण बनता है. विदित है कि रावण के भाई विभीषण भी श्रीराम से जाकर मिल गए थे. ऐसी कहावत भी है कि -घर का भेजी लंका ढाए.


2-कभी भी अपने प्रतिद्वंदी को कमजोर न समझें
रावण ने कहा था कि व्यक्ति को कभी भी अपने दुश्मन को कमजोर नहीं समझना चाहिए. ऐसा करना ही उसके हार का मुख्य कारण हो सकता है. कई बार हम अपने प्रतिद्वंदी को कमजोर समझने की भूल कर लेते हैं और वह हमसे ज्यादा ताकतवर साबित होता है.


3-ताकत का न करें घंमड
धर्म शास्त्रों के मुताबिक
चाहे आप कितने भी शक्तिशाली या पराक्रमी हों, अपनी शक्ति और ताकत का घमंड नहीं करना चाहिए. घमंड दांत की तरह होता है. यह इंसान को ऐसे तोड़ देता है जैसे दांत से सुपारी.


4-अपने हितैषी की बात जरूर सुनें
हर व्यक्ति को अपने करीबी, मित्र और हितैषियों की बातें हमेशा सुननी चाहिए. आपके अपने  लोग कभी आपका बुरा नहीं चाहेंगे.


5-पराई महिला पर न डालें नजर
लंकापति रावण ने कहा था कि किसी पराई महिला पर कभी भी गलत दृष्टि नहीं रखनी चाहिए. इतिहास गवाह है कि जिसने भी पराई स्त्री पर नजर रखी वह नष्ट हो गया. रावण ने भी मां सीता का हरण किया था और उसका परिणाम भी सामने आया था.


लक्ष्मण ने ली रावण से शिक्षा
जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में थे, उस वक्त भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा था कि इस संसार में राजनीति, नीति और शक्ति का महान पंडित विदा ले रहा है, तुम उनके पास जाओ और उनसे कुछ ऐसी शिक्षा लो जो और और नहीं दे सकता. श्रीराम की बात मान लक्ष्मण रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए. तब लंकेश ने उनको ज्ञान की बातें बताई थीं.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.


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