मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज : माघ मेले में मौनी अमावस्या पर भीड़ के चलते मेला प्रशासन ने संत मौनी महाराज की चक्रवर्ती परिक्रमा रोक दी. परिक्रमा रोके जाने से नाराज मौनी महराज अपने शिविर में ही अनशन पर बैठ गए है. उन्होंने जल जलसमाधि की चेतावनी भी दी है. उनका कहना है कि 38 सालों से राष्ट्र रक्षा, राम मंदिर, भ्रूण हत्या और तमाम हिंदू हितों के लिए लेट कर चक्रवर्ती परिक्रमा करते आ रहे है, उनकी इस माघ मेले में मौनी अमावस्या पर 590वीं परिक्रमा थी. लेकिन मेला पुलिस और अधिकारियों ने भीड़ का हवाला देकर इसको रोक कर खंडित कर दिया है. मौनी महाराज ने अब जल तक का त्याग कर दिया है. 


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अधिकारियों पर जताई नाराजगी
मौनी महाराज का कहना है जब इस माघ मेले में संत पूजा पाठ नहीं कर सकते, तो इस कल्पवास का क्या मतलब है. मौनी महाराज ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस माघ मेले में आप भीड़ का हवाला दे रहे हैं, तो 2025 में आप महाकुंभ कैसे कराएंगे, जहां 60 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की कल्पना की जा रही है. 
पीएम और सीएम को लिखा पत्र
नाराज मौनी महाराज ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री मेला प्रशासन को पत्र लिखकर चेतावनी दी है, कि सोमवार को वह भू समाधि या जल समाधि लेकर अपना जीवन समाप्त कर लेंगे. मौनी महाराज की चेतावनी के बाद मेला क्षेत्र में हड़कंप का माहौल बन गया है.


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