गोरखपुर/विनय सिंह : उत्तर प्रदेश के बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान (Bansgaon MP Kamlesh Paswan ) कोर्ट ने 14 साल पुराने मामले में डेढ़ साल की सजा सुनाई है. पासवान को जनवरी 2008 के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) नंबर 2 एसीजेएम द्वितीय प्रभात त्रिपाठी की कोर्ट ने डेढ़ साल की सजा सुनाई. सजा के खिलाफ कमलेश पासवान सक्षम न्यायालय में अपील दायर करेंगे. अभी उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान पर 16 जनवरी 2008 में बसपा की सरकार के दौरान शिवपाल और अखिलेश यादव को की गिरफ्तारी के विरोध में चक्का जाम करने का आरोप है. साल 2008 से चल रहे इस मुकदमे में आज फैसला आना था. शनिवार शाम 4:00 बजे कमलेश पासवान एसीजेएम कोर्ट में तारीख पर पेश हुए जहां उन्हें सजा का ऐलान हुआ. कमलेश पासवान के अधिवक्ता पीके दुबे ने बताया कि सजा के खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील दाखिल की जाएगी. हालांकि 3 साल से कम की सजा होने पर सांसद और विधायकों को नियमानुसार जेल भेजने का प्रावधान नहीं है.


हाल ही में ऐसे कई मामले हुए हैं, जिनमें जनप्रतिनिधियों को एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है. खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को दो साल की सजा मुजफ्फनगर दंगे से जुड़े एक मामले में सुनाई गई थी. जबकि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को हेट स्पीच से जुड़े मामले में तीन साल सजा हुई थी. इस कारण उन्हें रामपुर सीट से विधायकी गंवानी पड़ी थी.


वहीं कानपुर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को कोर्ट ने इसी माह एक साल की सजा सुनाई है. आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को वाणिज्य कर टीम पर हमले के मामले में ये सजा सुनाई गई है. 11 साल पुराने केस में 40 से 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि दो साल से कम सजा के कारण उनकी विधायक पद नहीं गंवाना पड़ा. उन्हें 1 साल की सजा के खिलाफ अपील की भी इजाजत दी गई.


 


कानपुर चिड़ियाघर में ट्रेन के नीचे आ गई महिला दर्दनाक मौत, देखें VIDEO