Mukhtar Ansari : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को भी डर सता रहा है कि कहीं उसका हश्र भी अतीक अहमद की तरह न हो जाए. उसने हाईकोर्ट से सुरक्षा के लिए गुहार लगाई है. इसके बाद डीजी जेल को मुख्तार अंसारी की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रयागराज में पिछले महीने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कराने लाए जाते वक्त हत्या हो गई थी. दोनों प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी थी. मेडिकल के वक्त मीडियाकर्मियों की वेशभूषा में आए तीन युवकों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह ने गोलियों से भून डाला था. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि मुख्तार अंसारी को जेल से अदालत में पेशी के दौरान कहीं भी रास्ते में रोका न जाए. 



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मुख्तार अंसारी और गाजीपुर से सांसद उनके भाई अफजाल अंसारी को पिछले हफ्ते एमपी-एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड में 10 साल की सजा सुनाई थी. अफजाल को 4 साल की कैद हुई थी और इस आधार पर उन्होंने गाजीपुर लोकसभा सीट से सदस्यता भी गंवा दी है. हालांकि मुख्तार के खिलाफ दर्जनों मुकदमें लंबित हैं, जिनमें लगातार सुनवाई चल रही है. इन मुकदमों मे पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी को एक जगह से दूसरी जगह ले भी जाया जाता है. ऐसे में उसे अंदेशा है कि कहीं अतीक अहमद की तरह उसकी हत्या न हो जाए. 


मुख्तार अंसारी एक वक्त पूर्वांचल में सबसे बड़ा माफिया डॉन के तौर पर कुख्यात था. उसके गुर्गों ने कई बड़े हत्याकांडों को अंजाम दिया. पूर्वांचल में ठेकेदारी को लेकर वर्चस्व में मुख्तार अंसारी को लेकर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण जैसे तमाम मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें से कई में उसे सजा हो चुकी है. हालांकि अतीक अहमद को जिस तरह उमेश पाल केस में सजा सुनाई गई और फिर जिस नाटकीय तरीके से उसकी हत्या पुलिस कस्टडी में हो गई, उसके बाद वो बुरी तरह डर गया है. 


 


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