आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मुश्किल कम होने का नाम नहीं हो रही है. पुलिस प्रशासन और सरकार के बाद उनके ऊपर इनकम टैक्स विभाग (Income tax Department) का शिकंजा भी कस गया है. इनकम टैक्स विभाग ने मुख्तार को बेनामी संपत्ति कानून के तहत नोटिस जारी किया है. मुख़्तार को इनकम टैक्स का पहला नोटिस मिला है. 


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 127 करोड़ की बेनामी संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी को नोटिस 
आयकर विभाग ने 127 करोड़ की बेनामी संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी को ये पहला नोटिस जारी किया है. आयकर विभाग ने बांदा जेल प्रशासन के जरिए मुख़्तार को नोटिस दिया है. इस नोटिस में पहले गाजीपुर में 12 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी मांगी गई है. बाकी संपत्तियों को लेकर अभी कोई जिक्र नहीं किया गया है. मुख़्तार इस समय यूपी की बांदा जेल में बंद हैं.  मुख्तार अंसारी से पूछताछ के लिए आयकर विभाग की टीम जेल पहुंच सकती है. उससे संपत्ति केस में पूछताछ कर सकती है.


गैंगस्टर के मामले में आज फैसला
गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी के ऊपर चल रहे गैंगस्टर के मामले में आज फैसलाआने वाला है. पिछली तारीख पर एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव के द्वारा मामले में लिखित बहस के लिए अवसर की मांग की थी. जिसको देखते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने 27 अप्रैल यानी आज फैसला की तारीख निर्धारित की है. इस बात की जानकारी मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने दी थी. मुख्तार के वकील लियाकत ने कहा 2009 में हत्या का प्रयास और 2010 में कपिलदेव सिंह हत्या मामले को लेकर गैंग चार्ट बनाया गया था. पहले ये फैसला 19 अप्रैलको आना था.


एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव के द्वारा मामले में लिखित बहस के लिए अवसर की मांग की जिसको देखते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने अगली तारीख 27 अप्रैल को फैसला के लिए निर्धारित की. दरसअल मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि 2009 में मुहम्मदाबाद थाना में वीर हसन द्वारा 307 के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें मुख्तार अंसारी नामजद अभियुक्त नहीं थे बल्कि विवेचना के दौरान 120 B में उनका नाम जोड़ा गया था. मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव था. इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी और इस केस में बरी हो चुके हैं.


उन्होंने बताया कि एक और मामला हत्या का था जिसमें करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर में कपिलदेव सिंह की हत्या 2010 में हुई थी. उस समय मुख्तार अंसारी जेल में थे पर उन पर फर्जी तरीके से 120 B के तहत इसमें भी मामला दर्ज किया गया था.  इस मामले में भी कोर्ट द्वारा बरी हो चुके है. उन्होंने बताया कि 302 के मामले में मुख्तार अंसारी बरी हो चुके हैं और 307 के मामले में भी मुख्य अभियुक्त सोनू यादव बरी हो चुका है. इन दोनों मामले को जोड़ कर गैंग चार्ट बनाया गया था जिसमें बहस पूरी हो चुकी है और आज फैसला आने वाला था. लेकिन शासकीय अधिवक्ता द्वारा बहस पूरी होने के बाद लिखित बहस दाखिल करने के लिये दो सप्ताह का समय की मांग की अपील की . उनके अपील को स्वीकार करते हुए 27 अप्रैल की तारीख दी गई. अब इस गैंगेस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी पर 27 अप्रैल को फैसला आएगा.


मुख्तार की फरार पत्नी पर भी शिकंजा
आयकर विभाग के मुताबिक, इन कंपनियों में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी भी किसी ना किसी तौर पर जुड़ी हुई हैं.  जिससे पता चलता है कि यह बेनामी प्रॉपर्टी किसी ना किसी रूप में मुख्तार अंसारी की ही है. आपको बता दें कि अफशा अंसारी पर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने इनाम घोषित किया हुआ है. और वह अभी फरार चल रही है.


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