अजीत सिंह/ लखनऊ: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी जेल के अंदर का खाना पसंद नहीं है. मुख्तार अंसारी को जेल से बाहर का खाना दिया जाता है. मुख्तार को लगता है कि जेल के अंदर उसके खिलाफ साजिश हो सकती है. लिहाजा वह बाहर से खाना मंगा कर खाता है, लेकिन इस पर यूपी सरकार और पुलिस डिपार्टमेंट को आपत्ति है, क्योंकि जेल मैनुअल के मुताबिक जो कैदी जेल में बंद होता है उसे जेल का ही खाना खाना पड़ता है, लेकिन मुख्तार में अपनी जान का खतरा बताते हुए बाहर से खाना मंगा कर खाता है. इसको लेकर अब यूपी सरकार अदालत पहुंच गई है और अब 9 जून को यह तय होगा कि मुख्तार को बाहर का खाना मिलेगा या फिर जेल की रोटी खाना पड़ेगा.


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माफिया मुख्तार अंसारी को जेल से बाहर का खाना दिए जाने के खिलाफ दाखिल सरकार की अर्जी पर कल हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को बाहर के खाना दिए जाने के खिलाफ दाखिल यूपी सरकार की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जवाब तलब किया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि उसने जो याचिका कोर्ट में दाखिल की है वो पोषणीय है या नहीं? अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 जून को होगी. 


कल होगा फैसला 
मुख्तार अंसारी की तरफ से सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने सरकार की तरफ से दाखिल की गई याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाए हैं. कल कोर्ट तय करेगा यूपी सरकार ने जो याचिका दाखिल की है उसे माना जाए या ना माना जाए. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की तरफ से यह बार-बार कहा जा रहा है कि यूपी सरकार की तरफ से दाखिल याचिका ठीक नहीं है. उसकी वैधानिकता पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वह याचिका सही नहीं है अब उच्च न्यायालय कल सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि मुख्तार अंसारी को बाहर का खाना दिया जाए या फिर सरकार के मुताबिक उसे वही का खाना दिया जाए जैसे अन्य कैदियों को दिया जाता है.


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