UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण में ही बिखरा मुस्लिम वोट, क्या बीजेपी को मिलेगा सीधा फायदा
UP Nagar Nikay Chuna 2023 : यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में 9 मंडलों के 37 जिलों में गुरुवार को मतदान हुआ था. इसमें सहारनपुर, मेरठ, फिरोजाबाद और लखनऊ के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी मतों में बिखराव होता दिखा.
UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में मुस्लिम मतों का सीधा बिखराव देखने को मिला है. बसपा के 11 नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी के तौर पर मुसलमानों को टिकट देने के बाद निकाय चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक बिखरता दिखाई दिया. लखनऊ से लेकर सहारनपुर तक यही ट्रेंड निकाय चुनाव में देखने को मिला, जहां मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी लंबी कतारें देखने को मिलीं, लेकिन अल्पसंख्यक वोटरों का रुख अलग-अलग नजर आया.
मुस्लिम और दलित वोट के बंटवारे के कारण सहारनपुर नगर निगम और आगरा नगर निगम में सपा मुकाबले में पिछड़ती नजर आई, जबकि कमल औऱ हाथी के बीच जंग नजर आई. फिरोजाबाद नगर निगम में महापौर की लड़ाई भी उलझती दिखी.
मुरादाबाद में कांटे की लड़ाई
मुरादाबाद में बीजेपी ने दो बार महापौर रह चुके विनोद अग्रवाल को उतारा तो बाकी विपक्षी दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतार दिया. कांग्रेस ने रिजवान कुरैशी, बसपा ने मोहम्मद यामीन और सपा से सैयद रईसुद्दीन को टिकट दिया. असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी मुस्तुजाब अहमद को टिकट देकर लड़ाई और उलझा दी. देखना होगा कि मुस्लिम मतों में बिखराव का कितना फायदा बीजेपी उठा पाती है.
प्रयागराज में अतीक अहमद बना मुद्दा
प्रयागराज में बीजेपी अन्य विक्षी दलों के मुकाबले अतीक अहमद और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हावी होने की कोशिश करती दिखी. हालांकि सपा और बसपा के मुकाबले कांग्रेस की ओर मुस्लिम मतदाताओं का रुझान चौंकाने वाला रहा.झांसी नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने मेयर पद पर बिहारी लाल आर्य को मैदान में उतारा. विपक्षी उम्मीदवार उनके मुकाबले पिछड़ते नजर आए.
आगरा में बीजेपी-बसपा में टक्कर
आगरा में बीजेपी ने पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर, सपा ने जूही प्रकाश जाटव और कांग्रेस ने लता कुमारी को चुनाव लड़ाया था. लेकिन दलित बाहुल्य इस इलाके में बसपा और बीजेपी में ही टक्कर दिखाई दे रही है. सपा और कांग्रेस वोटों की जंग में पिछड़ते नजर आए.
फिरोजाबाद में तगड़ा मुकाबला
फिरोजाबाद में बीजेपी से कामिनी राठौर, सपा ने मसरूर फातिमा और बसपा ने रुखसाना बेगम को उम्मीदवार बनाया है. फिरोजाबाद नगर निगम की महापौर सीट पर बीजेपी, बसपा और सपा के बीच टक्कर दिखी. निर्दलीय उम्मीदवारों के मजबूती से लड़ने के कारण पासा किधर भी पलट सकता है.
सहारनपुर में इमरान मसूद की साख दांव पर
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नगर निकाय चुनाव में प्रचार नहीं करने का फैसला किया था. इससे स्टार प्रचारकों की कमी पार्टी को साफ तौर पर खली. सहारनपुर में तो इमरान मसूद खुद अपनी भाभी खदीजा मसूद को जिताने के लिए दिन रात पसीना बहाते रहे. आगरा में भी मुस्लिम-दलित वोट को साधने का समीकरण ध्वस्त होता नजर आया. सहारनपुर नगर निगम महापौर की जंग में बीजेपी और बसपा के बीच जंग दिखी. दलित और मुस्लिम वोटों की गोलबंदी दिखी. भाजपा ने डॉ अजय कुमार, सपा ने विधायक आशु मलिक के भाई नूर हसन मलिक और बसपा ने पूर्व विधायक इमरान मसूद की भाभी खतीजा मसूद को मैदान में उतारा. बसपा और बीजेपी में तगड़ी फाइट हिन्दू और मुस्लिम बाहुल्य इलाके में दिखाई दी.
मथुरा:सपा निर्दलीय के समर्थन में आने से रोचक जंग
मथुरा-वृंदावन नगर निगम में मेयर पद के लिए तिकोना मुकाबला दिखा. महापौर के लिए बीजेपी प्रत्याशी विनोद अग्रवाल के मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार श्याम सुंदर उपाध्याय और समाजवादी पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार रावत के बीच सियासी जंग दिखाई दी. बसपा प्रत्याशी राजा अली संघर्ष करते नजर आए. मतदान प्रतिशत कम होने से सभी चुनाव प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं.
वाराणसी में पीएम मोदी का असर
वाराणसी नगर निगम मेयर चुनाव में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र होने का असर साफ दिखा. बीजेपी के पास पिछले 28 साल यानी 1995 से ये महापौर सीट है. सवर्ण, ओबीसी और कायस्थ वोटरों का सीधा झुकाव बीजेपी की ओर दिखाई दिया.वाराणसी नगर निगम में इस बार भी 100 वार्ड हैं. वाराणसी से बीजेपी ने अशोक तिवारी तो समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर ओपी सिंह और कांग्रेस ने अनील श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया.
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