मुजफ्फरनगर : यूपी के मुजफ्फरनगर में पुलिस को देखकर एक गैंगस्टर ने साथी समेत काली नदी में छलांग लगा दी. मौके पर मौजूद एक बुजुर्ग ने अपनी जान दांव पर लगाकर साथी को बचा लिया, लेकिन गैंगस्टर नदी के गहरे पानी और दलदल में फंसकर डूब गया. सीओ नई मंडी हिमांशु गौरव और नगर कोतवाल महावीर सिंह चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए. 


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पुलिस को देख भागने लगा गैंगस्‍टर 
दरअसल, शहर कोतवाली इलाके की ईदगाह पुलिस चौकी पर मंगलवार की सुबह वाहन चैकिंग अभियान चल रहा था. उसी दौरान गांव पीनना निवासी मोहित मलिक पुत्र जसवीर सिंह अपने साथी अजय शर्मा के साथ पंजाब नंबर की बाइक पर सवार होकर शहर की तरफ निकला था. ईदगाह चौकी पर चल रही पुलिस चैकिंग को देखकर वह वापस भागने लगे. 


किसान ने साथी को बचा लिया 
मोहित के साथी के अनुसार, अचानक इस तरह से वापस भागते देख पुलिस ने भी शक होने पर दोनों का पीछा किया. इसी बीच गलियों से होते हुए दोनों काली नदी के तट पर पहुंच गए और बाइक को छोड़कर नदी में छलांग लगा दी. शोरगुल की आवाज सुनकर खेतों पर काम कर रहे बुजुर्ग किसान लियाकत ने अपनी जान जोखिम में डालकर अजय को नदी से बाहर खींच लिया, मगर मोहित मलिक को नहीं बचाया जा सका. 


घंटों मशक्‍कत के बाद शव बदामद 
सूचना पाकर सीओ हिमांशु गौरव और नगर कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह चौहान भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. गोताखोरों को बुलाकर नदी में डूबे मोहित की तलाश शुरू कराई गई, लेकिन कई घंटों की मशक्कत के बाद भी उसका शव बरामद हुआ. वहीं, पुलिस अजय से भी गहनता से पूछताछ कर रही है. अजय का आरोप है कि पुलिस ने उनका पीछा किया, जान बचाने के लिए उन्होंने नदी में छलांग लगा दी, जिसमें मोहित मलिक डूब गया. 


6 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे 
वहीं, एसपी सिटी सत्‍यनारायण प्रजापति का कहना है कि गोताखोरों ने नदी में करीब 5 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया. करीब 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नदी से गैंगस्टर की लाश बरामद की जा सकी, जिसके पास से 315 बोर का कारतूस, पैसे और अन्य सामान बरामद हुआ है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मोहित के खिलाफ 6 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.  


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