मुजफ्फरनगर: पिछले साल किसान आंदोलन काफी चर्चाओं में रहा. किसान आंदोलन को लेकर पीएम ने कृषि कानून को वापस ले लिया था. अब दोबारा भारतीय किसान यूनियन का धरना शुरू हो गया है. किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में चल रहा भारतीय किसान यूनियन का धरना रात में बदस्तूर जारी रहा. रात में इस कड़ाके की सर्दी के दौरान किसान झोपड़िया बनाकर रात में जहां विश्राम करते नजर आए. वहीं किसानों से मिलने हरी नहीं भगवा पगड़ी में राकेश टिकैत नजर आए. आइए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा. 


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हाल-चाल जानने पहुंचे राकेश टिकैत 
आपको बता दें कि धरना स्थल पर किसानों के मनोरंजन के लिए शेरो शायरी के कलाकार भी पहुंचे थे. वहीं, देर रात धरना स्थल पर किसानों का हाल-चाल जानने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद हुए यूपी के किसानों को जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, साथ ही किसानों की अन्य समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक ये धरना बदस्तूर जारी रहेगा.


आपको बता दें कि शनिवार को शुरू हुए इस धरने पर किसानों की भीड़ न पहुंचने के चलते राकेश टिकैत ने किसानों से कहा कि अगर इस धरने में यहां का किसान नहीं आ सकता है, तो वह साफ-साफ बता दें. हरियाणा और पंजाब का किसान यहां आने को तैयार बैठा है.


दिल्ली किसान आंदोलन में 750 किसान हुए थे शहीद
किसान नेता राकेश टिकैत की मानें तो किसान रात भर खेतों में रहते हैं. रात को खेतों से पशुओं को भगाते हैं. इसलिए धरना रात में भी रहेगा और कई दिन चलेगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली किसान आंदोलन में 750 किसान शहीद हुए थे. हरियाणा पंजाब के किसानों को कंपनसेशन दिया गया है. उत्तर प्रदेश के किसानों की क्या गलती जो दिल्ली में गए और वे वहां शहीद हुए हैं. यहां के भी 12,14 किसान हैं उनको भी कंपनसेशन चाहिए. हमारी डिमांड है कि गन्ने का भाव बढ़ना चाहिए. इसके लिए सरकार बैठकर बातचीत करे. वहीं, सरकार बैठकर बातचीत नहीं करती. अधिकारियों का काम नहीं है कि वो आएं और हमें बहकाएं. ये धरने उससे खत्म नहीं होंगे. 


हमें ये बहकाते रहेंगे हम इन्हें बहकाते रहेंगे: टिकैत
लखीमपुर खीरी कांड अधिकारियों ने कहा कि जो घायल हुए हैं, उन्हें मुआवजा देंगे और झूठ बोलने का काम किया है. यह धरना लंबा चलेगा, यहां के अधिकारी जिले का काम कर सकते हैं, लेकिन लखनऊ का कौन करेगा. अधिकारी बहकाने का काम करते हैं. ये हमें पिछले 35 सालों से बहका रहे हैं. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर भी ऐसे ही समय-समय पर आते रहेंगे. हम कल यहां रहेंगे परसों यहां से चले जाएंगे. 30 तारीख में फिर 3 तारीख में यहां आएंगे. उसके बाद फिर 7 तारीख में यहां आएंगे, धरना नहीं खत्म होगा. हमें ये बहकाते रहेंगे, हम इन्हें बहकाते रहेंगे.


धरना बदस्तूर जारी रहेगा
जब ये हमारा काम कर देंगे, धरना तब खत्म होगा उनको कंपनसेशन चाहिए. यहां के लोग अगर धरने पर कम रहेंगे तो हरियाणा और पंजाब के लोग आ जाएंगे. अब तो पूरा देश एक हो गया है. या तो आ जाओ और नहीं आओगे तो बता दो, हरियाणा और पंजाब के किसान तैयार बैठे हैं, वो आकर धरना दे देंगे. उन्हें कहा जब तक उन किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा समस्याओं का समाधान नहीं होगा, धरना बदस्तूर जारी रहेगा.