Nagar Nikay Chunav 2022: आरक्षण ने बिगाड़ा था पार्षदों का गणित, बरेली मेयर की सीट अनारक्षित होने से राहत
UP Nagar Nikay Chunav Reservation List 2022 : नगर निगम मेयर और नगरपालिका अध्यक्ष पदों के आरक्षण का ऐलान. बरेली नगर निगम सीट अनारक्षित घोषित.
बरेली: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बच चुका है. इसको लेकर सियासी खींच तान भी शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार की शाम शासन ने बरेली नगर निकायों के विभिन्न वार्ड का आरक्षण जारी किया गया. वहीं, आज नगर निकाय चुनाव 2022 के नगर निगम मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण (Nagar Palika Adhyaksh Reservation List) का ऐलान किया गया है. वहीं, अगर बरेली की बात करें तो बरेली नगर निगम की सीट को अनारक्षित घोषित किया है.
आपको बता दें कि नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के आरक्षण का ऐलान नगर विकास विभाग के मंत्री एके शर्मा ने किया. बरेली में आरक्षण ने पार्षदों का गणित बिगाड़ा था, लेकिन मेयर सीट अनारक्षित होना राहत की खबर बताया जा रहा है. इसी एक वजह ये भी है कि पिछले चुनाव में ये सीट अनारक्षित और भाजपा के खाते में गई थी. वहीं, इस बार सीट के अनारक्षित होने के बाद पुराने समीकरण को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. बरेली में मेयर पद पर बीजेपी के डॉ उमेश गौतम नगर निगम चुनाव 2017 में जीते थे. इस ऐलान के बाद नगर निकाय में सियासी संग्राम शुरू हो गया है.
अगर आप नगर निगमों के महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष और पंचायत अध्यक्ष के रिजर्वेशन की लिस्ट देखना चाहते हैं तो यहां देखें...
17 नगर निगम की आरक्षण सूची जारी
अनुसूचित जाति 2 सीट
पिछड़ा वर्ग 4 सीट
महिला 3 सीट
अनारक्षित 8 सीट
200 नगर पालिका परिषद की आरक्षण सूची जारी
अनुसूचित जाति 27 सीट
पिछड़ा वर्ग 54 सीट
महिला 40 सीट
अनारक्षित 79 सीट
545 नगर पंचायत आरक्षण सूची जारी
अनुसूचित जाति 73 सीट
अनुसूचित जनजाति 1 सीट
पिछला वर्ग 147 सीट
महिला 107 सीट
अनारक्षित 217 सीट
आपको बता दें कि बरेली नगर निगम में अभी 80 वार्ड हैं. अगर साल 2012 की बात करें तो, तब यहां 70 वार्ड हुआ करते थे. इसके बाद साल 2017 के चुनाव में 10 वार्ड बढ़ाए गए. इसके बाद ये संख्या 80 हो गई थी. बरेली नगर निगम में मौजूदा समय में भाजपा के 47 पार्षद हैं. वहीं, सपा के 28 पार्षद हैं. वार्डों की जारी सूची में करीब 80 प्रतिशत तक आरक्षण बदल गया है. इससे पुराने दिग्गज पार्षदों की कुर्सी खिसक गई है. उनकी सीट का आरक्षण बदलने के कारण वह उस वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.