राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: काशी और अयोध्या की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य धाम को संवारने की तैयारी है. सरकार की ओर से यहां विकास कार्य किया जा रहा है. नैमिषारण्य के प्रमुख तीर्थ स्थल ललिता देवी मंदिर के आसपास विकास किया जा रहा है. मंदिर के आसपास जमीन अधिग्रहण किया गया है, जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया है. यहां पर स्थानीय लोग अपना कारोबार करते हैं. शुक्रवार को कारोबारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. 


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ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण की योजना


जानकारी के मुताबिक ललिता देवी मंदिर समेत आसपास के क्षेत्र का सुंदरीकरण करने की योजना है. मंदिर को भव्य रूप देने के लिए काम चल रहा है. यहां आने वाली भीड़ को देखते हुए जगह को बढ़ाया जा रहा है. इसके लिए मंदिर के पास की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है. इन्हीं जमीनों पर सैकड़ों की संख्या में दुकान और प्रतिष्ठा बने हुए हैं. इन दुकानों को चलाकर लोग अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. अपनी मांगों को लेकर दुकानदार आज मंदिर गेट के सामने धरने पर बैठ गए. 


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दुकानदारों की मांग है कि वे सैंकड़ों सालों से यहा दुकान चलाते आ रहे हैं. इसी से उनके परिवार की रोजी रोटी चलती है. कारोबारियों की मांग है की सरकार विकास करें परंतु उनकी दुकानों को न हटाए. लोगों का कहना है की इन्हीं दुकानों पर उनके बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्चा और अस्पताल की दवाइयां सब कुछ निर्भर करता है. ऐसे में अगर दुकानों को हटा दिया गया तो वह कहां जाएंगे. इसलिए लोगों की मांग है कि सरकार पहले उन्हें स्थापित करे फिर दुकानें हटाए. 


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