गाजियाबाद: देवबंद में जमीयत उलेमा ए हिंद में महमूद मदनी के बयान पर जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महमूद मदनी को हमेशा हिंदुओं ने सपोर्ट किया है, जब कलंकित ढांचा अयोध्या में गिरा और इनको सपोर्ट करने वाले देवबंध में अधिकतर हिंदू थे. इस तरह की भाषा बोल कर देश का वातावरण खराब करना विकृत मानसिकता का प्रतीक है. ऐसे समय में ऐसे बड़े विद्वान को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है.


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नारायण गिरी ने महमदूद मदनी पर बोला हमला 
महंत नारायण गिरी ने कहा कि देवबंद में महमूद मदनी को एक प्रस्ताव लाना चाहिए था कि 500 साल पहले मुगलों ने जितने भी मंदिर तोड़े, वह वापस हिंदुओं को सौंप दें. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को लिए भय का माहौल बनाया जा रहा है. हिंदुस्तान का मुसलमान शांति का माहौल चाहता है, लेकिन तुर्किस्तान वाले जो बाबर के वंशज हैं उनके मन में भावना रहती है, जो मंदिर मुसलमानों ने गिराए हैं वो वापिस मिले. तभी शांति व्यवस्था बनेगी.


उन्होंने आगे कहा किकिसी भी मुसलमान को भारत में डरने की जरूरत नहीं है. हिंदू उनकी रक्षा करते हैं. हालांकि कई बार महमूद मदनी ने पाकिस्तान और उग्रवादियों की आलोचना की है, लेकिन राजनीतिक व्यक्ति धीरे-धीरे राजनीतिक भाषण देना शुरू कर देते हैं. उनको भूलना नहीं चाहिए. हिंदुओं ने ही उनको राज्यसभा में भेजा. उनको इस तरह की बाते नहीं करनी चाहिए. 


क्या बोले मौलाना महमूद मदनी?  
देवबंद में जमीयत की बैठक के दूसरे दिन मौलाना महमूद मदनी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा कि जो हमारे शरीयत का हिस्सा है, उससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. शादी, तलाक जैसे मुद्दों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए. हम देश की हिफाजत के लिए जान देने को तैयार हैं. शरीयत में दखल मंजूर नहीं होगा, जिन्हें हम बर्दाश्त नहीं, वे चले जाएं.


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