मो.गुफरान/प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले के आरोपी स्वामी आनंद गिरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने आशंका जताई है कि आनंद गिरी जमानत मिलने पर मुकदमे से छेड़छाड़ कर सकता है. लिहाजा कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है.


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वहीं आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. स्वामी आनंद गिरी के अधिवक्ता विनीत विक्रम सिंह ने कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं था. हालांकि कोर्ट ने आनंद गिरी को जमानत देने से इनकार किया है. अपनी टीम के साथ विचार के बाद हम इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. 


गौरतलब है कि स्वामी आनंद गिरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या मामले में आरोपी हैं. मौजूदा समय में वह चित्रकूट की जिला जेल में बंद है. 23 सितंबर 2021 को आनंद गिरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. आनंद गिरी ने खुद को बेगुनाह बताते हुए जमानत की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. 


बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर 2021 को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी. महंत नरेंद्र गिरी का शव मठ बाघंबरी गद्दी के कमरे में पाया गया था. महंत नरेंद्र गिरी के कमरे से बरामद सुसाइड के आधार पर स्वामी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की गिरफ्तारी हुई थी. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने तीनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने तीनों को महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी माना है.