Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है. आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. देवी भक्तों ने नौ दिनों का उपवास रखा है. अगर आपने भी व्रत रखा है, तो यह जरूरी खबर है. दरअसल, व्रत के दौरान ज्यादातर लोग साबूदाने का इस्तेमाल करते हैं. फलाहारी खाने में लोग साबूदाना की टिक्की, खिचड़ी, खीर समेत कई स्वादिष्ट चीजें बनाते हैं. ऐसे में अगर आप भी साबूदाने का सेवन करते हैं, तो सावधान हो जाइये. दरअसल, मार्केट में मिलावटी साबूदाने बिक रहे हैं. मिलावटी या नकली साबूदाना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. व्रत में साबूदाना का सेवन करने से पहले उसकी पहचान करना जरूरी है कि वह असली है या नकली. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप मिलावटी साबूदाने की पहचान कर पाएंगे.


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ऐसे करें असली और नकली साबूदाने की पहचान
1. असली और नकली साबूदाने की पहचान के लिए कुछ दाने को चबाकर देखें. अगर साबूदाने से मुंह में किरकिरा महसूस हो तो समझिए कि साबूदाना नकली है. जबकि असली साबूदाने में स्टार्च होता है, जिसकी वजह से साबूदाना दांतों में चिपकने लगता है. 
2. असली साबूदाने को पानी में भीगोने पर यह कुछ ही देर में फूल जाता है. वहीं मिलावट वाला साबूदाना देर तक नहीं फूलता है.
3. असली साबूदाने को जलाने पर यह राख नहीं छोड़ता. जबकि नकली साबूदाने को जलाने पर उसकी स्मेल आएगी और उसमें से धुआं निकलेगा.
4. नकली साबूदाने दिखने में चमकदार पॉलिश किए हुए नजर आते हैं. जबकि असली थोड़ा फीका-फीका सा नजर आता है. 


टैपिओका स्टार्च से बनता है साबूदाना 
भारत में साबूदाना टैपिओका स्टार्च से बनाया जाता है. टैपिओका स्टार्च को बनाने के लिए कसावा नाम के कंद का उपयोग किया जाता है, जो शकरकंद जैसा होता है. साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ ही कैल्शियम और विटामिन-सी भी मौजूद होता है. 


साबूदाना खाने के फायदे 
साबूदाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. एनर्जी लेवल बरकरार रहता है. पेट की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. वजन घटाने में भी मददगार होता है. इसके अलावा मसल्स की ग्रोथ में भी मदद करता है.