Navratri 2023 : नवरात्रि आने वाली है. हिन्‍दू धर्म में कुछ लोग नवरात्रि की शुरुआत और आखिर में व्रत रखते हैं तो कुछ लोग पूर नौ दिन उपवास रखते हैं. नवरात्रि में व्रत रखने के फायदे को लेकर सबके अपने-अपने विचार और मायने हैं, हालांकि मेडिकल साइंस भी नवरात्रि के उपवास को लेकर कितना फायदेमंद मानता है यह भी समझना जरूरी है. तो आइये जानते हैं नवरात्रि पर उपवास के मेडिकल साइंस के नजरिए से क्‍या-क्‍या फायदे हैं. 


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यह है असली कारण 
मेडिकल साइंस के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि या चैत्र नवरात्रि के समय जलवायु में बदलाव होता है. इस समय कई नए बैक्‍टीरिया पैदा होते हैं. इसके चलते हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं रहता है. नवरात्रि अक्‍टूबर और नवबंर के महीने में आती है, जो शरद ऋतु से सर्दी तक कस समय होता है. इस दौरान हमारे शरीर में इम्‍यूनिटी की कमी होती है. सर्दी के दस्‍तक देने से पहले नवरात्रि के दौरान उपवास रखने से शरीर की इम्‍यूनिटी बूस्‍ट हो जाती है. इसका प्रमुख कारण यह है कि इस नौ दिन लोग सात्विक भोजन का इस्‍तेमाल करते हैं. 


पाचन तंत्र को करता है मजबूत 
मेडिकल साइंस की मानें तो नवरात्रि में सात्विक भोजन करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है. साथ ही डिटॉक्सीफिकेशन भी होता है. नवरात्रि के दौरान व्रत रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करना है. हफ्ते में एक बार हल्‍का भोजन करने से पांचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में मदद करता है. 


ऐसे लोग पहले डॉक्‍टर से लें सलाह 
वहीं, मधुमेह रोगियों को व्रत रखने से पहले अपने चिकित्‍सक से सलाह लेनी चाहिए. यही बीपी के मरीजों को भी करना चाहिए. बीपी के मरीजों को व्रत रखने से पहले चिकित्‍सकीय सलाह जरूर ले लेनी चाहिए. वहीं, ज्‍यादा व्‍यस्‍त रहने वाले लोग भी नवरात्रि के शुरआत और आखिर में उपवास रख सकते हैं. ऐसा करने से उनका पाचन तंत्र काफी हद तक ठीक हो जाता है.