लखनऊ: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा के बयान पर राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे ही एक बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. नुपूर शर्मा पर अखिलेश यादव के एक बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है. दरअसल अखिलेश ने एक ट्वीट में कहा था कि सिर्फ मुख को नहीं शरीर को भी माफी मांगनी चाहिए और देश में अशांति और सौहार्द बिगाड़ने की सजा भी मिलनी चाहिए. एनसीडब्ल्यू ने अखिलेश यादव के इस बयान पर संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अखिलेश यादव के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था कि 'इस शख्स को देखिए जो खुद को एक पार्टी का नेता कहता है. वह लोगों को नुपुर शर्मा पर हमला करने के लिए उकसा रहा है. मैं उत्तर प्रदेश पुलिस और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करती हूं.


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सुप्रीम कोर्ट से भी संज्ञान लेने की मांग


सर्वोच्च न्यायालय से भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. अखिलेश पर  राष्ट्रीय महिला आयोग ने आईपीसी की धारा 504, 506, 509 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि ‘प्रथम दृष्टि में ही अखिलेश यादव का ट्वीट भड़काऊ है. इसलिए इनके खिलाफ तत्काल उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.



सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी नूपुर शर्मा को फटकार


पिछले हफ्ते ही इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त शब्दों में कहा था कि नूपुर शर्मा को देश के सामने टीवी पर आकर माफी मांगनी चाहिए थी. उनके बयान की वजह से देश में हालात बिगड़े हैं. कोर्ट ने पूछा था कि आखिर इस तरह के बयान का क्या मतलब है.


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