कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड का चंपावत जिला, नेपाल की सीमा में लगता है. वहीं, भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल द्वारा भारत की पांच हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. इस मामले में उत्तराखंड के मंत्री ने जानकारी दी. वन मंत्री सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) ने कहा है कि यह 2010 का मामला है, इस मामले में एसएसबी ने भारत सरकार को लिखा है.


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श्रद्धालू दर्शन करने जाते हैं पूर्णागिरी
कैबिनेट मंत्री ने कहा, "श्रद्धालू पूर्णागिरी में दर्शन करने जाते हैं. जहां पूर्णागिरी के दर्शन करने के बाद भैरव देवता के दर्शन के लिए उन्हें नेपाल के ब्रह्मदेव स्थान भी भेजा जाता है. उन्होंने कहा, "ये मामला भी पूर्णागिरी से ब्रह्मदेव का ही है. इस मामले को लेकर भारत सरकार नेपाल सरकार से बात कर रही है".


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तरकरीबन पांच हेक्टेयर है नेपाल का अतिक्रमण
बताया जा रहा है कि साल 1995 से पहले भारत की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा होता रहा. वहीं, अब इस मामले में वन अधिकारियों का कहना है कि करीब पांच हेक्टेयर में नेपाल का इस वक्त अतिक्रमण है. जिसे नेपाल अपना बताते आया है. जबकि इस भूमि को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है. आपको बता दें कि इस अतिक्रमण वाली जगहों पर नेपाल के पक्के मकानों के साथ ही अस्थाई झोपड़यिां और दुकानें बन गई हैं.


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इन स्थानों पर अतिक्रमण 
दरअसल, उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय भूमि में वर्षों से नेपाल का अतिक्रमण बढ़ता रहा है. वहीं, अब तक भारत की पांच हेक्टेयर भूमि पर नेपाल अतिक्रमण कर चुका है. जिसकी रिपोर्ट एसएसबी के साथ ही वन विभाग ने शासन और गृह मंत्रालय को भेजी है. वहीं, वन विभाग के मुताबिक टनकपुर की शारदा रेंज से लगी भारत-नेपाल सीमा के शारदा टापू समेत ब्रह्मदेव में कई जगहों पर 30 सालों से अतिक्रमण होता आया है.


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