नोएडा: नोएडा गाजियाबाद समेत पूरे दिल्ली - एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CQM) ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत 1 अक्टूबर से शहर में डीजी (डीजर जनरेटर) के संचालन पर पाबंदी लगाई गई है. सिर्फ उन्हीं जनरेटरों को चलाने की अनुमति दी जाएगी जो बायो या पीएनजी फ्यूल से चलते हैं. जानकारी के मुताबिक शहर में शहर में करीब 40 हजार डीजल जनरेटरों का संचालन हो रहा है. अभी तक सिर्फ 4 से 5 हजार जनरेटरों को ही बायो या पीएनजी फ्यूल में कन्वर्ट किया गया है. इससे अक्टूबर महीने से करीब 35 हजार डीजल जनरेटरों का संचालन बंद हो जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

16 अक्टूबर को हुई थी बैठक
जानकारी के मुताबिक बीते 16 अगस्त को सीक्यूएम (CQM) ने दादरी स्थित एनटीपीसी पर शहर की आरडब्ल्यूए, एओए, उद्यमियों समेत अन्य लोगों के साथ बैठक की. इसमें शहर में प्रदूषण कम करने पर विचार विमर्श हुआ था. लोगों ने शहर में प्रदूषण कम करने के लिए सुझाव दिए थे. बैठक के बाद सीक्यूएम (CQM) के अधिकारियों ने 1 अक्टूबर से नोएडा में डीजल जनरेटर सेट के संचालन पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया. 


करोड़ों की कीमत वाले 4 कस्तूरी मृग की उत्तराखंड में मौत, ऐसे रहस्यमयी हिरणों की नाभि में अमृत


उद्योगों, हाईराइज सोसाइटियों, मॉल और अस्पतालों पर पड़ेगा असर


बताया जा रहा है डीजल जनरेटरों का संचालन बंद होने से सबसे बड़ा असर उद्योगों, हाईराइज सोसाइटियों, मॉल और अस्पतालों पर पड़ेगा. इन जगहों पर करीब 35 हजार डीजी सेटों का संचालन हो रहा है. साथ ही शहर में अघोषित बिजली कटौती को देखते हुए डीजी सेट पर पाबंदियों से हाईराइज सोसाइटियों में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इन सोसाइटियों में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए किया जाता है. करीब 90 प्रतिशत बिल्डिंगों में डीजी सेट कन्वर्ट नहीं कराए गए हैं. 


Watch: ज्ञानवापी की तरह आगरा जामा मस्जिद का भी हो ASI सर्वे, ठाकुर देवकीनंदन ने कोर्ट में लगाई याचिका