Noida News : सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के दौरान रहने के लिए सरकारी आवास मिलता है. नियम के अनुसार उन्हें नई पदस्थापना के साथ वह सरकारी मकान नये अधिकारी के लिए छोड़ देना चाहिए. लेकिन नोएडा में इस नियम का पालन होता नहीं दिख रहा है. बताया जा रहा है कि शहर के इतिहास में यह पहली बार है कि नोएडा के नये सीईओ किराये के मकान में रहने को मजबूर  हैं. इसके पीछे नोएडा प्राधिकरण की पूर्व सीईओ ऋतु माहेश्वरी द्वारा आधिकारिक आवास खाली न किए जाने को वजह बताई जा रही है. यही कारण है कि प्राधिकरण के नए सीईओ लोकेश एम. किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने उसमें शिफ्ट कर लिया है.


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अथॉरिटी के पांच बंगलों पर कब्जा
नोएडा अथॉरिटी के 5 बंगले हैं, जिनमें अथॉरिटी के सीईओ और चेयरमैन रहते रहे हैं. इसका निर्माण इस पद पर नियुक्त अधिकारियों के लिए ही कराया गया था. लेकिन हैरानी है कि इन सभी बंगले पर पुराने अधिकारियों का कब्जा है. इन बंगलों पर जिन अफसरों का कब्जा है, उनमें कुछ मौजूदा अफसर रह रहे हैं. लेकिन कुछ में सेवानिवृत्त और स्थानांतरित होकर दूसरे जगहों पर जाने वाले अधिकारियों का कब्जा है. अब देखना है कि इस समस्या का समाधान कब और कैसे निकाला जाता है.


बड़े नियमों के पालन की उम्मीद
बहरहाल, हर अधिकारी और कर्मचारी को सरकारी बंगले और आवास की जरूरत होती है. ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि वह पद से मुक्त होते ही नियम के मुताबिक सरकारी सुविधाएं और बंगले आदि छोड़ दें. इससे न सिर्फ सुशासन को मजबूती मिलती है बल्कि लोगों में प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति भरोसे का निर्माण होता है. अब देखना ये है कि नोएडा के नये सीईओ को कब तक उनके लिए एलॉट सरकारी बंगला मिल पाता है.


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