गाजियाबाद:  दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मेट्रो (Metro) को शहर की लाइफ लाइन माना जाता है. यातायात के अन्य साधनों द्वारा मेट्रो अपेक्षाकृत सस्ती मानी जाती है. इसलिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग आने-जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-62 से गाजियाबाद के मोहननगर तक मेट्रो ट्रेन चलाने की बनाई गई थी, मगर पैसों की कमी के चलते इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया. नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक मेट्रो रेल प्रस्तावित थी, तीन बार इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर भी तैयार किया गया, लेकिन फंड की कमी के चलते इस योजना को बंद कर दिया गया. 


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तीन बार बना डीपीआर
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में यात्रा करने के लिए भारी संख्या में लोग मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं. इसको देखते हुए जिन रुट पर मेट्रो का संचालन नहीं है वहां मेट्रो चलाने की योजना थी. नोएडा सेक्टर-62 से गाजियाबाद के मोहन नगर तक मेट्रो चलाने की योजना थी. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से गाजियाबाद में रहने वाले लोगों को सीधा फायदा होता. इस प्रोजेक्ट को शरू करने के लिए पहली कोशिश साल 2015 में की गई. इसके बाद साल 2018 और 2021 में दो बार और मेट्रो रूट का डीपीआर तैयार किया गया, मगर पैसों की कमी के चलते योजना आगे नहीं बढ़ सकी.


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जानकारी के मुताबिक नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक तीन मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना थी. एक बार इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च करीब 1845 करोड़ रुपये आया. वहीं, साल 2021 में तैयार किए गए डीपीआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 2100 करोड़ रुपये थी. इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा उत्तर प्रदेश सरकार को देना था, मगर पैसों की कमी के चलते इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया. सरकार की ओर इस प्रोजेक्ट में कोई खास रुचि नहीं दिखाई गई. 


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