CM से भू-माफिया की पैरवी करने पहुंचे रामगोपाल यादव को लेकर ओपी राजभर ने दिया बयान, बोले- आजम खान भी..
Gazipur News: ओपी राजभर ने भू-माफिया की पैरवी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि किसी के ऊपर 80 से 82 मुकदमे है और ऐसे भूमाफिया की पैरवी करने राम गोपाल यादव जा रहे हैं. उत्पीड़न में सिर्फ रामगोपाल के समधी ही तो नहीं हैं आजम खान भी इसके शिकार हैं.
Gazipur News: सपा गठबंधन से अगल होने के बाद ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर सियासी हमला करने का कौई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. बुधवार को ओपी राजभर ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) की भू-माफिया की पैरवी करने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath से मुलाकात को लेकर निशाना साधा है.
ओपी राजभर ने भू-माफिया की पैरवी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि किसी के ऊपर 80 से 82 मुकदमे है और ऐसे भूमाफिया की पैरवी करने राम गोपाल यादव जा रहे हैं. उत्पीड़न में सिर्फ रामगोपाल के समधी ही तो नहीं हैं आजम खान भी इसके शिकार हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान रामगोपाल यादव की सीएम से पैरवी मामले पर कहा, ''मुलायम सिंह यादव के समधी ने जो कहा है वह सही कहा है. पूरे उत्तर प्रदेश में अगर उत्पीड़न की बात हो रही है तो अखिलेश यादव कहा करते हैं कि पूरे प्रदेश में पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है. वहीं सीएम को दी चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है कि उनके ऊपर भू माफिया का मुकदमा लिखा गया है. मैंने टीवी में देखा है कि किसी के ऊपर 80 से 82 मुकदमे हैं. ऐसे भूमाफिया की पैरवी करने राम गोपाल जी जा रहे हैं और ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते है कि कार्यकर्ताओं के साथ उत्पीड़न हो रहा है. उत्पीड़न के शिकार सिर्फ रामगोपाल के समधी ही तो नहीं हैं. आजम खान भी इसके शिकार हैं और भी मुसलमान है, इसके अलावा अन्य कई जातियों के लोग भी हैं.''
वहीं हर हर शंभू गाने की मुस्लिम गायिका पर मुस्लिम उलेमाओं के द्वारा फतवा जारी करने के मामले पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कलाकार किसी जाति और धर्म का नहीं होता है, कलाकार कलाकार होता है. ऐसा जो लोग कह रहे हैं वह नासमझ लोग हैं. कोई भी फिल्म बनती है तो उसमें सभी जाति और धर्म के लोग होते हैं. फिल्म शोले का का नाम लिया जाए तो उसमें भी सभी जातियों धर्म के लोग हैं, उसे क्यों लोग देखते हैं. उनके पात्रों को क्यों नहीं विरोध करते हैं. ऐसे कुछ लोग हैं जो सिर्फ विरोध का नाम लेकर ही जिंदा हैं.