लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को नर्सिंग और पैरा मेडिक्स हब बनाने की बड़ी पहल की है.  नर्सिंग और पैरा मेडिक्स को तवज्जो न देने की वजह से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में योग्य नर्सिंग और पैरा मेडिक्स की कमी रही. इसे दूर करते हुए पहली बार 36 हजार से अधिक चिकित्सा शिक्षकों, सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स, नर्सिंग और पैरा मेडिकल संवर्ग आदि की नियुक्ति की गई है. इस क्षेत्र में रोजगार और सरकारी नौकरी के अपार अवसर हैं. 


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योगी सरकार ने सात जिलों में खोले नर्सिंग स्कूल 
आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद प्रदेश में 2017 के पहले तक मात्र एक संस्थान 1972 में कानपुर में खुला था. इसके बाद 2013 में तीन जिलों आगरा, झांसी और मेरठ को स्वीकृति दी गई, लेकिन मेरठ के अलावा कोई संचालित नहीं हो पाया. 


138 पदों का सृजन कर हुई नियुक्ति
योगी सरकार ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए सात जिलों प्रयागराज, गोरखपुर, कन्नौज, आगरा, जिम्स ग्रेटर नोएडा, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ और झांसी में न सिर्फ नर्सिंग स्कूल स्वीकृत किए हैं, बल्कि इनमें प्रधानाचार्य और प्रोफेसरों सहित 138 पदों का सृजन कर नियुक्ति भी कर दी है. इन संस्थानों में उच्च तकनीकी की लैब और अन्य संसाधनों को भी उपलब्ध कराया गया है.


2022-23 के सत्र के लिए 15 तक रजिस्ट्रेशन, 24 को होगी परीक्षा
यूपी राज्य मेडिकल फेकल्टी ने 2022-23 के सत्र के लिए 15 तक पंजीकरण और 24 को प्रवेश परीक्षा करेगी. चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार कहते हैं कि प्रदेश में नर्सिंग और पैरा मेडिक्स में युवाओं के लिए अवसर ज्यादा हैं. इन क्षेत्रों में प्रदेश में लंबे अरसे बाद सीएम योगी के निर्देशानुसार सात नर्सिंग स्कूलों का संचालन शुरू किया गया है. इसके अलावा विभिन्न पदों का सृजन कर 36 हजार से अधिक युवाओं को मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों, नर्सिंग स्कूलों और पैरामेडिक्स आदि में नियुक्ति दी गई है. 


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