लखनऊ : पुरानी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों को भर्ती के लिए भटकने की जरूरत नहीं है. ऐसे रोगियों को लेकर जिलास्तरीय चिकित्सालय में पैलिऐटिव केयर वार्ड बनेगा. इसमें पुरानी गंभीर बीमारियों से बेहाल रोगियों को भर्ती किया जा सकेगा. खास बात यह है कि इसमें भी मरीजों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं चुकाना होगा. यह पूरी तरह से निशुल्क होगा.


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शासन ने दिखाई हरी झंडी 
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएमएच) की तरफ से 15 जिलों में पैलिऐटिव केयर वार्ड का संचालन किया जा रहा है. इसमें उन रोगियों को भर्ती किया जाता है जो पुरानी और जटिल बीमारियों से जूझ रहे हैं. रोगी की पीड़ा दूर करने के लिए भर्ती किया जाता है.
एनएचएम ने 15 और जिलों में पैलिऐटिव केयर वार्ड योजना के विस्तार का फैसला किया है. इसको हरी झंडी भी दे दी है. 


वार्ड बनाने के लिए बजट जारी 
चिन्हित 15 जिला अस्पतालों को वार्ड बनाने के लिए बजट भी जारी कर दिया है. प्रत्येक अस्पताल को 15 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इस बजट से बेड, उपकरण और दूसरे संसाधन जुटाए जा सकेंगे. राज्य स्तर पर गठित कमेटी सर्वसम्मति से जनपदीय चिकित्सालयों में पैलिऐटिव केयर वार्ड की स्थापना के लिए उपकरणों तथा वार्ड में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं संबंधी सामग्री की व्यवस्था करेगी.


यहां बनेंगे पैलिऐटिव केयर वार्ड
आगरा, प्रयागराज, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, अंबेडकरनगर, वाराणसी, गोरखपुर, बुलंदशहर, आजमगढ़, गोंडा, हरदोई, मुरादाबाद, शाहजहांपुर एवं सीतापुर जिला शामिल हैं. 


यहां पहले से ही संचालित हो रहे 
रायबरेली, झांसी, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, फैजाबाद, सुलतानपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, जालौन, बहराइच, मेरठ, सहरानपुर, अलीगढ़ एवं मथुरा में योजना संचालित हो रही है. 


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