UP News : यूपी में पैरामेडिकल की पढ़ाई करने वालों के लिए अच्‍छी खबर है. पैरामेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब निजी कॉलेजों में मोटी फीस नहीं देनी पड़ेगी. यूपी सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल पाठ्यक्रम की मंजूरी दे दी है. सरकार ने पहले चरण में 2,714 सीटों पर भर्ती की योजना बनाई है. इसके तहत प्रदेश के दर्जनभर मेडिकल कॉलेजों में 2,714 सीटों पर एडमिशन कराकर छात्रों को दक्ष बनाया जाएगा. यहां से पैरामेडिकल की पढ़ाई कर चुके छात्रों को अस्‍पतालों में प्रैक्टिस करने का भी मौका दिया जाएगा. 


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500 सीटों पर पहले ही एडमिशन 
दरअसल, पहले पैरामेडिकल की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को निजी कॉलेजों की ओर रुख करना पड़ता था. प्रदेश की योगी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में भी पैरामेडिकल का पाठ्यक्रम संचालित करने की दिशा में पहल की. इसके तहत शुरुआत में 500 सीटों पर पैरामेडिकल पाठ्यक्रम संचालित किए गए. अब सरकार प्रदेश की दर्जनभर और मेडिकल कॉलेजों में 2,714 सीटों पर एडमिशन की मंजूरी दी है. 


निजी संस्‍थानों के नहीं काटने पड़ेंगे चक्‍कर 
पहले प्रदेश में पैरामेडिकल की पढ़ाई के लिए निजी संस्थानों के चक्कर काटने पड़ते थे. इसकी मोटी फीस सुनकर ही कई छात्रों के परिजन अपना कदम पीछे हटा लेते थे, लेकिन मेडिकल कॉलेज में यह पढ़ाई शुरू हो जाने से फीस में राहत के साथ-साथ गुणवत्ता में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे छात्रों के पढ़ाई पूरी कर निकलने पर अस्‍पतालों में मरीजों की बेहतर देखभाल हो सकेगी. 


इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन 
पहले जिन पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा, उसमें लैब तकनीशियन में डिप्‍लोमा, ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन में डिप्लोमा, ऑप्टोमेट्री में डिप्लोमा, आर्थोपेडिक और प्लास्टर तकनीशियन में डिप्लोमा, एक्स-रे तकनीशियन में डिप्लोमा, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर तकनीशियन में डिप्लोमा, आपातकालीन और ट्रॉमा केयर में डिप्लोमा शामिल हैं. इसके अलावा सीटी स्कैन तकनीशियन में डिप्लोमा, कार्डियोलॉजी तकनीशियन में डिप्लोमा, डायलिसिस तकनीशियन में डिप्लोमा, नवजात देखभाल तकनीशियन में डिप्लोमा, स्वच्छता में डिप्लोमा और फार्मेसी में डिप्लोमा शामिल हैं. 


शिक्षण कार्य में लगे चिकित्‍सकों को मानदेय मिलेगा 
एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशन डॉक्‍टर के महासचिव डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया कि अस्‍पतालों में संवेदनशील कार्यों के लिए पैरामेडिकल छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण मददगार बनेगा. साथ ही पैरामेडिकल कोर्स के शिक्षण कार्य में लगे चिकित्सकों को भी निर्धारित मानदेय मिल सकेगा. 


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इन मेडिकल कॉलेजों में होगा संचालन 


पैरामेडिकल पाठ्यक्रम का संचालन आजमगढ़, कन्नौज, गोरखपुर, आगरा, बदायूं, जालौन, सहारनपुर, बांदा, अंबेडकरनगर, मेरठ, प्रयागराज, झांसी, हरदोई, मिर्जापुर, गाजीपुर, फिरोजाबाद, सिद्धार्थ नगर, फतेहपुर सहित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में होगा.  


 


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