अतीक अहमद/लखनऊ : बीजेपी लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीट जीतने का प्लान बना रही है. जाहिर है ऐसे में उसे हर तबके का वोट हासिल करना होगा. इसी कड़ी में लंबे समय से वह पसमांदा समाज के मतदाताओं को रिझाने में लगी है. इसी क्रम में पसमांदा समाज से भाजपा के लिए अच्छी खबर आई है. पसमांदा समाज के नेताओं ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बीजेपी के स्टैंड का समर्थन किया है. दरअसल लखनऊ में रविवार को राष्ट्रीय पसमांदा मुस्लिम समाज के द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक संवाद कार्यक्रम किया गया. इसमें मुस्लिमों की कई जातियां मौजूद रहीं.


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पसमांदा सम्मेलन में इन मुद्दों पर जताई चिंता


इन सभी जातियों और उपजातियों के नेताओं ने कहा कि कई मौलाना मुसलमानों को डरा धमका रहे हैं कि जो यूसीसी अगर लागू हो गया तो उनका धर्म से छिन जाएगा. वह अपने धर्म के हिसाब से कपड़े नहीं पहन पाएंगे. वह अपने धर्म के हिसाब से शादी नहीं कर पाएंगे. अपने धर्म के हिसाब से पूजा नहीं कर पाएंगे.ऐसा कुछ भी नहीं है. अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो इससे आपके धर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. या यूनिफॉर्म सिविल कोड है यूनिफॉर्म धर्मकोड नहीं है. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद भी जिसको ईद मनानी है ईद मनाए, जिसको होली मनानी है वह होली मनाए. इसको मस्जिद जाना है जिसको तिलक लगाना है जिसको गुरुद्वारे जाना है वह सब काम अपना पहले जैसे कर सकते हैं. यह सब छोटी-छोटी बातें हैं. चार शादियां, संपत्ति में हिस्सा ,तीन तलाक, हलाला, यह सब सिविल मेटर है. हालांकि सरकार ने अभी इस पर कोई ड्राफ्ट तैयार नहीं किया है. अभी लॉ कमीशन ने 28 जुलाई तक इस पर सुझाव मांगा है, सुझाव देने के बजाय देश में माहौल खराब किया जा रहा है.  उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों का वोट अनुपात लगभग 20% है. अभी इसका बड़ा हिस्सा सपा और बीएसपी में बंटा हुआ है


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