PFI Banned: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.  गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी किया गया है.  यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है.  पीएफआई पर बैन करने के बाद पूरे देश भर की कानून व्यवस्था पर कड़ी नज़र रखी जा रही है.


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PFI के अलावा सहयोगी संगठनों पर भी बैन
PFI के अलावा उनके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल,नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) पर भी बैन लगाया गया है.



पीएफआई को लेकर काफी दिनों से पूरे देश में छापेमारी चल रही थी. छापेमारी के दौरान कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. एक दिन पहले पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई हुई थी. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए या हिरासत में लिए गए.  एनआईए व पुलिस टीमों ने मंगलवार तड़के से ही पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए थे जो  दिनभर चले. कर्नाटक में 80, जबकि यूपी में 57 लोगों को पकड़ा गया है.


जोर-शोर से उठ रही थी बैन लगाने की मांग
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनों के बाद से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग जोर-शोर से उठ रही थी. बीजेपी शासित कई राज्य ये मांग कर रहे थे. झारखंड में इसको बैन किया गया है. जहां राज्य सरकार ने कहा था कि पीएफआई पर देश विरोधी गतिविधियों और आईएस जैसे कुख्यात अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन से इसके रिश्ते के चलते इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. ये बैन 2019 से ही लगा हुआ है. 


पीएफआई पर 5 बड़े इल्जाम


1. हिजाब को लेकर यूपी के प्रयागराज, कानपुर समेत कई जिलों में हुई हिंसा में हाथ
2. राजस्थान के करौली, जोधपुर जैसे जिलों में हुई सांप्रदायिक हिंसा को भड़काया 
3. नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन औऱ हिंसा में शामिल होने का आरोप
4. कर्नाटक औऱ केरल में आतंकी औऱ जेहादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप 
5. विदेशी फंडिंग के जरिये देश में कट्टरपंथी तत्वों को भड़काने का आरोप


प्रयागराज-संगमनगरी में भी खंगाली जा रही पीएफआई की कुंडली
पूर्व में सरकार विरोधी आंदोलन को आधार बनाकर जांच की जा रही है. आतंकी फंडिंग होने की आशंका को देखते हुए टीमें जांच कर रहीं है. एंटी सीएए प्रोटेस्ट में शामिल लोगों की  कुंडली खंगाली जा रही है. प्रतिबंधित संगठन सिमी और पीएफआई से जुड़े लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है. शहर के करैली,मऊआइमा और फूलपुर इलाके में जांच एजेंसियां पड़ताल कर रहीं हैं. प्रयागराज में पहले भी आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.


कानपुर-पीएफआई पर बैन का किया स्वागत 
सूफी खानकाह एसोसिएशन ने बैन का स्वागत किया है. कौसर हसन मजीदी ने कहा कि मुसलमानों को समझना चाहिए पीएफआई देश विरोधी था पीएफआई पर बैन के विरोध में लोगों को नहीं करना चाहिए.  कोई प्रदर्शन पिछले कई सालों से सूफी खानकाह एसो० कर रहा था. पीएफआई पर बैन की मांग एसोसिएशन ने लगातार छेड़ रखी थी. कौसर हसन मजीदी ने पीएफआई के खिलाफ अभियान केन्द्र सरकार के कदम की सराहना की.


दक्षिण भारत से शुरू हुई PFI की कहानी
 16 साल पहले दक्षिण भारत से पीएफआई की कहानी शुरू हुई थी. साल 2006 में मनिथा नीति पसराई (mnp) और नेशनल डेवलपमेंट फण्ड (ndf) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन किया था. शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सके था. लेकिन अब इसका विस्तार यूपी, बिहार समेत 23 राज्य में हो चुका है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का संगठित नेटवर्क है. जिसका नेटवर्क राजस्थान सहित देश के 20 से अधिक राज्य में मौजूद. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय समिति भी हैं और राज्यों की अलग समितियां है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों का हर 3 साल में चुनाव होता है. 


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