श्रवण शर्मा/शामली: गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर 5 साल का बैन लगा दिया है. बावजूद इसके यूपी में पीएफआई का पोस्टर लगाने का मामला सामने आया है. मामला यूपी के शामली का है. जिले के भवन थाना क्षेत्र में विवादित पोस्टर लगाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक असामाजिक लोगों द्वारा माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया है. इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है. हालांकि, गृह मंत्रालय के बयान के बाद ऐसे पोस्टर लगाना सरकार को चुनौती देने जैसा है.


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भवन कस्बे में लगे विवादित पोस्टर
जहा थाना भवन कस्बे में एसडीपीआई द्वारा विवादित पोस्टर लगने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस प्रशासन ने तत्काल एक्शन करते हुए दीवारों पर चस्पा किए गए पोस्टरों को हटाया. जानकारी के मुताबिक इन लोगों का पोस्टर में फोटो है पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. इस मामले में पुलिस कड़ा एक्शन कर सकती है.


बैन के बाद कई जगहों पर आ चुके हैं हिंसा के मामले
आपको बता दें कि देशभर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पीएफआई को भारत सरकार ने प्रतिबंध कर दिया है. बाकायदा गृह मंत्रालय ने  पीएफआई पर 5 साल का बैन लगाया है और नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है, जिसको लेकर कई राज्यों में पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. वहीं, कई जगह से हिंसा के मामले भी सामने आ चुके हैं.


पोस्टर पर लिखा है, 'भूख से आजादी, खौफ से आजादी'
इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के शामली का पीएफआई से जुड़ा विवादित पोस्टर का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा हैं. जानकारी के मुताबिक कस्बे के मोहल्ला सैय्यदान में एसडीपीआई के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा ये पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर में लिखा है 'भूख से आजादी, खौफ से आजादी' और पोस्टर में स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी दी गई हैं.


भवन पुलिस मौके पर पहुंची
मामला संज्ञान में आते ही थाना भवन पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने विवादित पोस्टर को हटवा दिया. वहीं, पोस्टर में जिन लोगों के फोटो लगाए गए हैं, पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है. सवाल ये है कि ऐसे कौन लोग हैं, जो पीएफआई में सक्रिय हैं. पुलिस ये भी पड़ताल कर रही है कि पोस्टर कब लगाए गए हैं. लगाए गए पोस्टर पुराने हैं या नए हैं.


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