वाराणसी: उत्तर प्रदेश का वाराणसी देश का पहला शहर बनने जा रहा है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे होगा. इसके साथ ही बोलीविया और मेक्सिको के बाद भारत विश्व में तीसरा देश होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल होगा. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस योजना पर काम कर रही है. जानकारी के मुताबिक बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा रोप-वे बनाया जाएगा. 50 मीटर ऊंचाई पर करीब 3.8 किलोमीटर तक यह रोपवे बनाया जाएगा. इसमें 150 ट्रॉली कार होंगी और एक कार में 10 पैसेंजर बैठ सकेंगे. एक घंटे में दोनों छोर से करीब 6000 यात्री इसमें यात्रा कर सकेंगे.


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24 मार्च को पीएम करेंगे शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी को भारत का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे सौगात में देने वाले हैं. बताया जा रहा है 24 मार्च को पीएम वाराणसी दौरे पर रोपवे के निर्माण का शिलान्यास करेंगे. इस परियोजना के शुरू होने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. यह योजना  644.49 करोड़ रूपये की बताई जा रही है. वाराणसी में नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलाने की योजना है. इस प्रोजेक्ट से बनारस आने वाले पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी.  


वाराणसी विकास  प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि पुराने इलाकों की सड़कें छोटी होने और ट्रैफिक लगातार बढ़ने से आए दिन यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. इससे पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है. इस रोपवे परियोजना का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेगी.


प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन कैंट रेलवे होंगे.  इनमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा. रोपवे बनने के बाद लोग 3.8 किलोमीटर की कुल दूरी करीब 16 मिनट में तय कर पाएंगे. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. रोप-वे का संचालन 16 घंटे तक होगा. उन्होंने आगे बताया कि रोप-वे 2 साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएगा. इसके लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य काम तेजी से चल रहे हैं. 


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आपको बता दें कि रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. रोप-वे की ट्रॉली पर भी काशी की थांती देखने को मिल सकती है. कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज़ बस अड्डा है. ऐसे में कैंट स्टेशन पर रोप-वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले यात्री भी सफर कर पाएंगें.


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