राघवेंद्र सिंह/बस्ती: आपने पुलिस के टॉर्चर (Police Torture) और बर्बरता के कई मामले सुने और देखें होंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से पुलिस के टॉर्चर का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकार आप हैरान हो जायेगे. जनपद की क्राइम ब्रांच स्वाट टीम का चोरी के मामले में एक 16 वर्षीय बच्चे के साथ चार दिन तक थर्ड डिग्री (Third Degree) टार्चर करने का मामला सामने आया है. आरोप है कि पुलिस ने नाबालिग बच्चे के साथ 4 दिन बेरहमी से टॉर्चर किया और उसके गुप्त अंगो में पेट्रोल भी डाला.


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न्याय के लिए राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजा शिकायती पत्र 
आरोप है कि थर्ड डिग्री के दौरान नाबालिग लड़के के अंदरूनी भाग में पेट्रोल डालकर टार्चर किया गया. जब लड़के की हालत बिगड़ने लगी, तो परिजनों से जबरन सुलहनामा करवाकर पुलीस ने लड़के को छोड़ दिया. घर पहुंचने के बाद लड़के की हालत और बिगड़ने लगी. जिसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज चल रहा है. बस्ती पुलिस के इस कारनामे को लेकर परिजनों ने राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री डीजीपी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है.


एसपी ने क्राइम ब्रांच व स्वाट टीम को सौंपी मामले की जांच
वहीं, पुलिस अधीक्षक बस्ती ने क्राइम ब्रांच व स्वाट टीम को मामले की जांच सौंपी है. दरअसल, बस्ती में क्राइम ब्रांच की टीम ने एक चोरी के मामले में 16 वर्षीय नाबालिग को सोते हुए जांच के बहाने उठा लिया. उस समय रात के लगभग दो बज रहे थे. परिजन के पूछने पर टीम ने जांच की बात कह कर नाबालिग लड़के को अपने साथ ले गई. जानकारी के मुताबिक नाबालिग को बस्ती कोतवाली में थर्ड डिग्री टार्चर किया गया है.


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चोरी के सोने चांदी की तलाश में पहुंची थी पुलिस 
आपको बता दें कि पीड़ित के परिजनों ने क्राइम ब्रांच टीम पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चे को पुलिस वालों ने फर्जी चोरी में फंसाया है. जिसके बाद उसकी 4 दिन तक बुरी तरह पिटाई की गई. बताया जा रहा है कि नाबालिग हाथ पर कई जगह ब्लेड से चीरा लगाया गया है. परिजनों ने बताया कि हैवानियत इतने से नहीं थमी, उसके मल त्याग में पेट्रोल डालकर टार्चर किया गया. रात में तलासी के लिए घर पहुंची पुलिस ने चोरी के सोना चांदी छिपाए जाने की बात कही थी.


वजह जो भी हो पुलिस को अब तक कोई समान बरामद नहीं हुआ है. जब बच्चे की हालत टार्चर से बिगड़ने लगी तो जबरन सुलहनामे के कागज पर हस्ताक्षर कराकर उसे छोड़ दिया गया. बच्चे की बिगड़ता हालत देखकर उसको जिला हॉस्पिटल भर्ती कराया गया लगातार पुलिस द्वारा दबाव भी बनाया गया की मामले को वही परिजनों ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, डीजीपी, बस्ती एसपी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई


इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक बस्ती एस पी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मामले का सज्ञान लिया गया है. फिलहाल एसओजी टीम को भंग कर दिया गया है. इसकी जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी गई है, जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


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