राजेश मिश्र/मीरजापुर: यूपी में  31 साल पुराने मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई है. मामला मीरजापुर का है, जहां अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश ने 31 साल पुराने मामले में सुनाई थानाध्यक्ष सहित 6 पुलिस कर्मियों को सजा मिली है. कोर्ट ने पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक पुलिस साल 1992 में एनडीपीएस एक्ट में तहत कर्रवाई करने पहुंची थी. पुलिस की प्रताड़ना से वांछित की मां ने मौके पर आत्महत्या ही किया था. इसके बाद बेटे की तहरीर पर पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद सीबीसीआईडी की जांच में पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. मामला विंध्याचल थाना क्षेत्र के ग्राम विरोही का है.


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महिला ने मिट्टी का तेल छिड़ककर लगा ली थी आग
आपको बता दें कि विंध्याचल थाना क्षेत्र स्थित विरोही ग्राम निवासी भोला द्वारा गांजा की तस्करी किए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी. पता चला कि भोला अपने घर में छिपा है. मामले की जानकारी होने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष ने पुलिस टीम के साथ दबिश दी, लेकिन भोला घर पर नहीं मिला. भोला की मां रामपत्ती देवी को पुलिस द्वारा काफी भला-बुरा कहा गया और प्रताड़ना दिया गया. इसके बाद रामपत्ती देवी ने कहा कि इससे अच्छा तो मेरा मर जाना ही उचित है. इस पर पुलिस द्वारा कहा गया कि हां तुम मर जाओ यह सुनकर रामपत्ती देवी घर के अंदर गई और मिट्टी के तेल को अपने ऊपर छिड़ककर आग लगा ली. घटना होते ही पुलिस आनन-फानन में रामपत्ती देवी के जले हुए शरीर को लेकर वहां से रवाना हो गई.


इसके बाद सुनियोजित तरीके से एनडीपीएस एक्ट लगाकर भोला पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही सवा किलो गांजा उसके द्वारा छोड़कर भागने पर बरामद होना दिखाया गया. 24 अगस्त वर्ष 1992 को हुई घटना में राम पत्ती देवी की मौत हो गई. राम पत्ती देवी के पुत्र सुभाष द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्चचाधिकारियो के साथ समाज कल्याण मंत्री से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई जिसके बाद इस मामले की जांच को सीबीसीआईडी से कराया जाए जिसमें थाना अध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एनडीपीएस सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.


जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दी सजा
सीबीसीआईडी ने विवेचना कर न्यायालय में पेश किया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्रा ने 31 साल पुराने मामले में सुनाई करते हुए, विंध्याचल के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिस कर्मियो को एनडीपीएस के अंतर्गत 5-5 साल और आईपीसी की धाराओं में 2-2 वर्ष की सजा सुनाई गई, दोनों सजाए साथ साथ चलेंगी. इसके आलावा अर्थदंड भी लगाया गया है. 31 साल पुराने मामले में विन्ध्याचल थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष अमरेंद्र सिंह, सुरेंद्र नाथ राय, रामअचल, राम सिंहासन सिंह, बिना सिंह. दिनेश बहादुर सिंह हैं.