Wrestler Protest at Jantar Mantar :दिल्ली के जंतर मंतर में भारतीय पहलवानों द्वारा डब्ल्यूएफआई (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ()के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. खिलाड़ियों ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पर महिला पहलवानों के यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए जिनसे पूरा देश हिल गया. इस विवाद में अब सियासी दलों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. सपा और कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं के बयान भी आए हैं. हालांकि बृजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. 


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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, “हमारे खिलाड़ी देश की शान हैं. विश्व स्तर पर अपने प्रदर्शन से वे देश का मान बढ़ाते हैं.” उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ और उसके अध्यक्ष के खिलाफ उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं तथा उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए.


वहीं सपा प्रवक्ता एवं पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा- जो बेटियां जो बहनें देश के लिए खेल रही हैं, ओलंपिक में पदक ला रही हैं, तिरंगे के लिए खेल रही हैं उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार अत्यंत दुखद है. जो बेटियां देश का स्वाभिमान बढ़ा रही हैं उनका स्वाभिमान खुद लुट रहा है. मैं तो प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करूंगा जो बेटियों को लेकर सबसे ज्यादा बात वो करते हैं लेकिन चाहे दिल्ली की घटना हो, कठुआ की घटना हो, उत्तराखंड की घटना हो, गुजरात की घटना हो या फिर उत्तर प्रदेश की घटना हो! सवाल यह है कि बेटियों के साथ यौन दुर्व्यवहार की घटनाओं के पीछे भारतीय जनता पार्टी के नेता ही क्यों रहते हैं. 


पीएम से किए सवाल
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि क्या सरकार द्वारा खेलों के लिए यही बेहतर माहौल बनाया गया है? पहलवान विनेश फोगाट ने बुधवार को डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया. कांग्रेस महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “बेटियों पर अत्याचार करने वाले भाजपा नेताओं की फेहरिस्त अंतहीन है. क्या ‘बेटी बचाओ’ बेटियों को भाजपा नेताओं से बचाने की चेतावनी थी! प्रधानमंत्री जी, जवाब दीजिए.” उन्होंने पूछा, “प्रधानमंत्री जी, बेटियों पर अत्याचार करने वाले सारे भाजपाई ही क्यों होते हैं?” रमेश ने कहा, “कल आपने कहा कि देश में खेलों के लिए बेहतर माहौल बना है. क्या यही है ‘बेहतर माहौल’ जिसमें देश का नाम रोशन करने वाली बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं?” 


उत्तर प्रदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक खेल कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मोदी ने बुधवार को कहा था, “कितने ही सामर्थ्यवान युवा, कितनी ही प्रतिभाएं मैदान से दूर रह गयीं. मगर पिछले आठ वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़ दिया है. खेलों के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया गया है इसलिए अब ज्यादा बच्चे और नौजवान खेल को करियर विकल्प के तौर पर देखने लगे हैं.” 


फोगाट ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद कभी इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है. लेकिन दावा किया कि बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुरू हुए धरने में एक पीड़िता मौजूद थीं. 


विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश फोगाट सहित कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस धरने में हिस्सा लिया. रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक भी जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल रहे. 


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