लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार जल्द ही यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 'तिथि भोजन योजना' लागू करने जा रही है. दरअसल, इस योजना के केंद्र सरकार की तरफ से साल 2015 में सुझाया गया. उस समय मौजूदा अखिलेश सरकार ने उस प्रस्ताव को ठुकराया दिया था. अब योगी सरकार तिथि भोजन कार्यक्रम को यूपी के परिषदीय स्कूलों में लागू करने की तैयारी कर रही है. इससे बच्चों को मिड डे मील के अंतर्गत तिथि भोजन भी मिलेगा. 


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गुजरात में हुई थी तिथि भोजन की शुरुआत
आपको बता दें कि तिथि भोजन की शुरुआत गुजरात में हुई थी. इस योजना के तहत किसी बच्चे के जन्मदिन, बच्चे के जन्म लेने, किसी व्यक्ति का जन्मदिन या विवाह की वर्षगांठ, खास त्यौहार या किसी विशेष मौके पर भोजन कराया जाता है. दरअसल, समुदाय का कोई व्यक्ति या संस्था सरकारी बेसिक विद्यालयों में खास दिन छात्रों को भोजन करा सकता है. साफ शब्दों में कहें तो कोई बाहर का व्यक्ति स्कूल के सभी बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम कर सकता है.


विद्यालय को अभिवावकों और लोगों से जोड़ने का प्रयास
दरअसल, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या को बढ़ाने को साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार इस योजनाओं को लागू करने जा रही है. इससे शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा. आपको बता दें कि तिथि भोजन योजना से अभिवावकों, बच्चों व्यक्ति विशेष और संस्था को दूसरे से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है. इसके तहत योजना में बच्चों को मिठाई, फल, पकवान का वितरण किया जाएगा. इसमें मध्याह्न् भोजन के अलावा नमकीन, मिठाई, फल, अंकुरित अनाज, सूखे, मेवे आदि का वितरण किया जा सकता है.


कहां से शुरू हुई योजना
आपको बता दें कि तिथि भोजन योजना का प्रारम्भ गुजरात राज्य से हुआ. इस योजना की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को राज्यों में शुरू करने का निर्देश दिया. खास बात ये है कि केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना को लागू कर रही है. 


स्वादिष्ट व्यंजन बच्चों को करेगा आकर्षित
आपको बता दें कि तिथि भोजन योजना के तहत उस दिन मध्याह्न् भोजन योजना के अंतर्गत बनने वाले भोजन को भी अनिवार्य किया गया है. जिससे दोपहर में बच्चों को भोजन के साथ-साथ दूसरी पौष्टिक चीजों का वितरण किया जा सके. जिससे बच्चों को अच्छा भोजन प्राप्त हो सके. तिथि भोजन योजना का स्वादिष्ट व्यंजन बच्चों को विद्यालय की तरफ आकर्षित भी करेगा.