Positive News: पांच साल में दस गुना बढ़ी वाराणसी में पर्यटकों की संख्या, विश्व पर्यटन मानचित्र पर उभर रहा बनारस
UP News: देश और दुनिया के लोगों के बीच काशी का आकर्षण पहले से काफी बढ़ गया है. इसका असर यहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के रुप में दिखने लगा है. भारतीय पर्यटकों के अलावा विदेशी मेहमानों की संख्या भी काशी में तेजी से बढ़ी है.
पवन सेंगर/लखनऊ: प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार में बनारस को हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात मिल चुकी है. इसके साथ ही यहां की अद्वितीय विरासत को सहेजने-संवारने के कारण देश और दुनिया के लोगों के बीच काशी का आकर्षण पहले से काफी बढ़ गया है. इसका असर यहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के रुप में दिखने लगा है. भारतीय पर्यटकों के अलावा विदेशी मेहमानों की संख्या भी काशी में तेजी से बढ़ी है.
कोरोना काल के बाद 174 गुना बढ़ गये विदेशी मेहमान
बीते पांच साल से तुलना करें तो वाराणसी में देसी पर्यटकों की संख्या दस गुना तक बढ़ गई है. पर्यटन विभाग की ओर से जनवरी 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक के आंकड़े प्राप्त हुए हैं. इसमें भारतीय पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से विदेशी सैलानियों की आवाजाही में ठहराव सा आ गया था, जिसमें इस साल तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
कोरोना के बाद 174 गुना बढ़े विदेशी पर्यटक
पर्यटन उप निदेशक, प्रीति श्रीवास्तव ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि साल 2022 में महज जुलाई माह में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 40 लाख 3 हजार 288 है. ये जुलाई 2017 के 4,61,650 के मुकाबले तकरीबन दस गुना ज्यादा है. वहीं, विदेशी पर्यटकों की बात करें, तो इनकी संख्या में भी कोरोना काल के बाद 174 गुना का इजाफा दर्ज किया गया है. साल 2022 में जुलाई में 12,578 विदेशी पर्यटक बनारस पहुंचे, जबकि 2021 में ये संख्या महज 72 थी.
इसी साल सावन महीने में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड आमद वाराणसी में हुई है. पर्यटन विभाग की तरफ से अभी केवल जुलाई 2022 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं, जबकि इसमें सावन और देव दीपावली के आंकड़े शामिल नहीं हैं. दरअसल, सावन और देव दीपावली में वाराणसी पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही हैं.
बनारस और मिर्जापुर मंडल में अभी और बढ़ेगा पर्यटन
पर्यटन उद्योग से जुड़े व बनारस होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल शर्मा का कहना है कि बेहतर कनेक्टिविटी के चलते पर्यटक वाराणसी के साथ ही अयोध्या, विन्ध्याचल और प्रयागराज भी जा रहे हैं. छुट्टियों, पर्वों व त्योहारों में काशी में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है. टेंट सिटी, रिवीर फ्रंट, नमो घाट जैसी पर्यटन, परिवहन तथा मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने वाली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद काशी सहित वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में पर्यटन उद्योग को और ऊंचाई मिलेगी.
इसलिए बनारस में बढ़ रहे सैलानी
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में पर्यटन उद्योग अहम भूमिका अदा करने वाला है. योगी सरकार की तरफ से प्रदेश के पर्यटन स्थलों का विकास, कनेक्टिविटी और वहां मूलभूत सुविधाएं तथा बेहतर कानून व्यवस्था देने से प्रदेश में पर्यटकों के लिए अनुकूल माहौल बना गया है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वाराणसी बनकर उभरा है, जो विश्व के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभरकर सामने आया है. इसकी वजह है वाराणसी का चौतरफ विकास. सड़कों और फ्लाईओवर का जाल, सुगम पार्किंग, पर्यटकों के लिए सुविधाएं और सुदृढ़ कानून व्यवस्था.
देसी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में बहुत तेजी से हुआ इजाफा
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी और आसपास की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया है. इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा गंगा और घाटों की सफाई, गौतम बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का विकास, गंगा में क्रूज आदि पर्यटकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कारक बनकर सामने आए हैं.
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