त्रिपुरेश त्रिपाठी/देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया में पोस्टमार्टम प्रोसेस की गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है. जहां महर्षि देवराहा बाबा के नाम पर बनाए गए मेडिकल कॉलेज को मानक के अनुरूप एक पोस्टमार्टम टेबल तक उपल्बध नहीं है. दरअसल, मेडिकल कॉलेज एक अदद पोस्टमार्टम टेबल के लिए तरस रहा है. यहां शवों का पोस्टमार्टम लकड़ी की मेज पर होता है. 


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आपको बता दें कि शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक विशेष प्रकार का टेबल दिया जाता है, उसी टेबल पर शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है. खास बात ये है कि ये टेबल मेटल का होता है. जिसे खास तौर पर पोस्टमार्टम के लिए ही बनाया जाता है. वहीं, देवरिया जनपद में शवों के पोस्टमार्टम के लिए लकड़ी की मेज का इस्तेमाल किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस मामले की शिकायत समाजसेवी संजय पाठक ने सीएमओ से की थी. 


धारा 80 के तहत सीएमओ को भिजवाया गया नोटिस
इस मामले में समाजसेवी संजय पाठक ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लकड़ी की मेज पर पोस्टमार्टम होने से जांच रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है. इसके लिए अलग से टेबल बनाई जाती है. इसी टेबल पर शवों का पोस्टमार्टम होना चाहिए. कहीं भी लकड़ी के मेज पर पोस्टमार्टम नहीं होता है. इसके लिए हमने धारा 80 के तहत सीएमओ को नोटिस भी भिजवाया है. लकड़ी के मेज पर पोस्टमार्टम नहीं होना चाहिए.


मामले में सीएमओ ने दी जानकारी
इस मामले में सीएमओ देवरिया राजेश झां ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए मैंने शासन को पत्र भेज दिया है. जल्द ही वह टेबल हम लोगों को मिल जाएगा. फिलहाल, लकड़ी की मेज पर पोस्टमार्टम किया जा रहा है. उसमें कोई जांच प्रभावित नहीं होती है. फिलहाल, देखना ये है कि मेडिकल कॉलेज को मानक के अनुरूप कब-तक पोस्टमार्टम टेबल उपल्बध हो पाता है.


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