मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज:  यूपी के प्रयागराज अब राख से जली हुई फाइलों को दोबारा जिंदा किया जाएगा. दरअसल, प्रयागराज स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में 17 जुलाई 2022 को आग लगी थी, जिसमें सरकारी फाइलें नष्ट हो गई थीं. अब इन सरकारी फाइलों को दोबारा बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 1 करोड़ 98 लाख 30 हजार का बजट स्वीकृत कर दिया है. सरकार द्वारा स्वीकृत बजट शासकीय अधिवक्ता के पक्ष में जारी कर दिया गया है. इसको लेकर प्रमुख सचिव विधि की तरफ से अपर विधि परामर्शी राधे मोहन श्रीवास्तव ने हलफनामा दाखिल किया.


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हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया
आपको बता दें कि हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि जली हुई फाइलों को दोबारा बनाने के लिए चार फोटो कॉपी मशीनें महाधिवक्ता कार्यालय में लगा दी गई हैं, जो अब काम करने लगी हैं. यही नहीं, सरकार की तरफ से शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जले हुए रिकॉर्ड को बनाने में वकीलों के ऊपर सरकार कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगी. जली हुई फाइलों को बनाने का खर्च सरकार स्वयं वहन करेगी. उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर हैं. प्रमुख सचिव लॉ स्वयं कोर्ट के निर्णय को पूरा करने के लिए सतत वह निरंतर कार्य कर रहे हैं. 


हाईकोर्ट ने मंडलायुक्त और डीएम को दिया निर्देश
शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जितनी फाइलें जली हैं, वो कौन- कौन सी फाइलें हैं, इसकी सूचना वकीलों को सार्वजनिक नोटिस एवं बार एसोसिएशन के मार्फत से दी जाएगी. ऐसा करके उनके सहयोग से नष्ट हुई फाइलों का पुनर्निर्माण शीघ्र कराया जा सका है. विक्रम सिंह की आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह ने पारित किया. वहीं, न्यायाधीश ने प्रमुख सचिव लॉ, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की तरफ से अपर विधि परामर्शी राधे मोहन श्रीवास्तव द्वारा दाखिल हलफनामे पर संतोष जताते हुए दोनों अधिकारियों के कार्यों की सराहना भी की. हाईकोर्ट ने इलाहाबाद के मंडलायुक्त और डीएम को भी सरकार के इस काम में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है.


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4 सदस्यीय कमेटी ने जांच कर शासन को भेजी थी रिपोर्ट 
आपको बता दें कि महाधिवक्ता कार्यालय में पीछले महीने 17 जुलाई को महाधिवक्ता कार्यालय में आग लग गई थी. नौ मंजिल की इस बिल्डिंग में अग्निकांड के दौरान छठे तल से नवें तल तक आग लग गई. अगलगी से सभी सरकारी फाइलें जलकर नष्ट हो गई. इसके बाद महाधिवक्ता के निर्देश पर अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, मुख्य स्थाई अधिवक्ता व शासकीय अधिवक्ता कि 4 सदस्यीय कमेटी ने जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी. अपने सुझाव के साथ फाइलों के पुनर्निर्माण के लिए धन आवंटित करने का अनुरोध किया था. सरकार ने सुझाव मानते हुए प्रमुख सचिव विधि की कोशिश के बाद, फाइलों के पुनर्निर्माण के लिए बजट स्वीकृत किया गया है. अब आग में राख हो चुकी उन फाइलों को दोबारा बनाया जाएगा.


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