Prayagaraj: रक्षाबंधन पर्व पर दिखेगी आजादी के 75वें अमृत महोत्सव की झलक, छात्राएं तैयार कर रहीं हैं तिरंगा राखियां
भाई-बहन के प्रेम का अटूट का त्योहार रक्षाबंधन देशभर में 11 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें भाईयों की कलाई में राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं...और सबसे खास होगा आजादी का 75वां अमृत महोत्सव.. सरहद पर जमे हुए वीरों के लिए इस राखी पर अलग तरह की राखी संगमनगरी में तैयार की जा रही हैं..
मो.गुफरान/प्रयागराज: भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व (Rakshabandhan 2022) में भले ही अभी वक्त है, लेकिन रक्षाबंधन पर्व को लेकर संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में विशेष तैयारियां की जा रहीं हैं. इस बार रक्षाबंधन पर्व पर आजादी का 75वां अमृत महोत्सव की झलक देखने को मिलेगी. तीन रंगों को मिलाकर तिरंगा राखी तैयार की जा रहीं है. जिन्हें भाइयों के कलाई पर बांधने के साथ ही देश के सरहदों की निगहबानी करने वाले जवानों को भेजी जाएंगी.
छात्राओं द्वारा तैयार की जा रही है तिरंगा राखी
प्रयागराज के एक स्कूल में छात्राएं (Schools Students) इस विशेष तिरंगा राखी (Tiranga Rakhi) को बनाने में दिन रात जुटी हुईं हैं. छात्राओं का कहना है कि देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव (75th Amrit Mahotsav of Independence) मना रहा है. ऐसे में रक्षाबंधन पर्व भी नजदीक है, इस लिहाज से तीन रंगों को मिलाकर विशेष तिरंगा राखी तैयार की जा रही है. यह तिरंगा राखी देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों को भेजी जाएगी.
जवानों को भेजी जाएंगी तिरंगा राखी
शहर के एक स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं द्वारा तैयार की जा रहीं तिरंगा राखी को लेकर लोगों में भी उत्सुकता दिखाई दे रही है. तिरंगा राखी तैयार करा रहीं अनुराधा ने बताया कि इस बार देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है.ऐसे में तिरंगा राखी बेहद ख़ास होने जा रहीं हैं. इसे सरहदों की निगहबानी करने वाले जवानों के साथ ही बाजारों में भी भेजा जाएगा ताकि भाई बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर भाईयों की कलाई में ये ख़ास तिरंगा राखियां देखने को मिलें.
हिंदू धर्म में श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन के महापर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उसकी कलाई में राखी बांधती हैं. रक्षाबंधन के लिए महापर्व का इंतजार बहनों को पूरे साल बना रहता है. 11 अगस्त को तिथि पुर्णिमा चतुर्दशी दो पुण्य तिथियों का मेल है. जिसमें कि चतुर्दशी 10 बजकर 27 मिनट तक है. उसके बाद पुर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी जिसमें कि रक्षा बंधन शुभ मुर्हत 11 बजे से 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
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